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दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी अपनी अपनी जीत के दावे किये जा रहा हैं। अपनी कमियों को न देखते हुए दूसरी पार्टियों की कमियां उजागर करने की होड़ मची है। जो भाजपा व कांग्रेस आम आदमी पार्टी की सरकार पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगा रही थी वही आप की तर्ज पर चुनाव जीतने के लिये रोज गारंटियों को देने की बातें कर रही हैं।

भाजपा तो आम आदमी पार्टी को को बदनाम करने में ही अपनी जीत देख रही है। अब भाजपा यह प्रचार कर रही है कि आप चुनाव जीत भी गयी तो भी केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बन सकेंगे। इस बात का प्रचार वो मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर जोर शोर से कर रही है।
भाजपा का वनवास कब खत्म होगा
पिछले 10 सालों से दिल्ली पर काबिज होने को बेकरांर है। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी उसकी मंशा पूरी नहीं हो सकी है। उसका मूलमंत्र और प्रचार धर्म और आस्था के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण करना है। लेकिन दिल्ली की जनता समझदार है वो जीवनयापन के लिये जरूरी सुविधाओं के आधार पर सरकार को चुनती है। यही वजह है कि भाजपा पिछले 26 साल से दिल्ली की गद्दी पर कब्जा करने को तड़प रही है।

इस बार भाजपा यह मन बना चुकी है कि हर हाल में चुनाव में जीत हासिल करना चाहती है। आप ने तो यह आरोप लगाया है कि वो चुनाव जीतने को फर्जी वोटर लिस्ट बनवा रहे हैं। दिल्ली के बाहर के भाजपा समर्थक लोगों को दिल्ली का वोटर लिस्ट में जुड़वा रहे हैं। इसमें उनके मंत्री सांसद और विधायक अपने सरकारी आवासों के नाम पर वोट बनवाने का आवेदन कर रहे हैं। इसके साथ आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया हहै कि भाजपा नेता और कार्यकर्ता आप समर्थकों का वोटर लिस्ट से नाम कटवाने का आवेदन चुनाव कार्यालय में कर रहे हैं। इसके लिये आप ने चुनाव कार्यालय में सुबूत भी दिये हैं। लेकिन अभी तक चुनाव आयोग ने कोई कदम नही उठाया है।
भाजपा प्रत्याशी पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
नयी दिल्ली विधानसभा से भाजपा ने प्रवेश सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। चुनाव कार्यक्रम के पहले से ही प्रवेश वर्मा नयी दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं को अपने आवास पर बुला कर 1100—1100 सौ रुपये बांट रहे थे। उन महिलाओं से उनका आधार कार्ड व बैंक खाता संख्या की फोटो कापी भी ली गयी थी। उन महिलाओं से एक फार्म भी भरवाया गया जिसमें यह कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में वो भाजपा को ही वोट देंगी। इतना ही नहीं प्रवेश वर्मा आस पास की झुग्गी झोंपड़ियों में जा कर लिफाफे में 1100 रुपये रख कर भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की गयी है। इस बात को ले कर आप ने चुनाव आयोग को इस बात की शिकायत की है।
शीशमहल, राजमहल और शराब घोटाला की गूंज
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की धूमधाम मच गयी है। जनता से जुड़े मुद्दों को छोड कर एक दूसरे पर कीचड़ उछाली जा रही है। भाजपा आम आदमी पार्टी सरकार पर दिल्ली शराब घोटाले, स्कूल रूम घोटाला और सीएम आवास घोटाले पर घेर रही है तो आम आदमी पार्टी पीएम आवास को राजमहल के नाम पर घेर रही है। आप भाजपा पर यह आरोप लगा रही है कि पिछले दस सालों में देश को आर्थिक घोटालों में डुबा दिया है। देश को सांप्रदायिक दंगों के भेट चढ़ा दिया गया है। देश में नफरती और जहरीला माहोल बना दिया गया है। देश के उद्योग धंघे बंद होते जा रहे हैं। सरकार अपने खास उद्योगपतियों को उद्योग धंधों को औने पौने दामों में थमाती जा रही है। यह अनुमान लग रहा है कि सीधा मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच है।
कांग्रेस का आधार शीला दीक्षित का कार्यकाल
कांग्रेस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास कर रही है। चुनावी प्रचार में राहुल गांधी से लेकर सभी कांग्रेसी नेता आम आदमी पार्टी को निशाने पर रख रहे हैं। जबकि असलियत यह है कि दिल्लीवासियों को केवल अरविंद केजरीवाल सरकार में काफी राहत मिली है। कांग्रेस केवल शीला दीक्षित के कार्यकाल को आधार मानकर दिल्ली में सत्ता पाना चाहती है। लेकिन उस समय में विकास तो हुआ लेकिन जनता को कोई राहत नहीं थी। बिजली पानी और महंगी शिक्षा व मेडिकल सर्विसेज के कारण गरीबों की कमर टूट गयी थी। आप सरकार में गरीब जतना को इसमें काफी राहत मिली। यही वर्ग समुदाय आम आदमी पार्टी का जनाधार और वोट है। जो कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाती रही है वही आज महिलाओं को प्यारी बहना योजना के तहत 25 सौ रुपये हर माह देने की गारंटी दे रही है। बेरोजगारों युवाओं को 8 हजार पांच रुपये प्रतिमाह देने की बात कर रही है। महिलाओं को फ्री बस सेवा देने की योजना भी बना रही है। कर्नाटक में भी कांग्रेस सरकार ने ऐसा ही किया है। भाजपा आप सरकार पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाती रही है वही मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में लाडली बहना के नाम पर महिलाओं को हर माह राशि दे कर ही चुनाव जीत सकी है।
आप को बीजेपी और कांग्रेस ने चौतरफा घेरा
दिल्ली विधान सभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की भाजपा और कांग्रेस ने घेरने को प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और संदीप दीक्षित को खड़ा किया है। दोनों के चुनाव में उतरने से अरविंद केजरीवाल की जीत मुश्किल हो रही है लेकिन ये दोनों ही उम्मीदवार हारने वाले है। ऐसा सर्वे बता रहे हैं लेकिन मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। इसी तरह सीएम आतिशी के सामने कांग्रेस ने अल्का लांबा को और भाजपा ने पूर्व सांसद रमेश विधूड़ी को उतारा है। यहां भी आतिशी की जीत तय है चुनाव केवल खानापूरी के लिये लड़ा जा रहा है। भाजपा ने दिल्ली फतेह करने के लिये दिग्गज नेताओं को उतार दिया है। यानि जिन दिग्गज को उतार दिया है। चर्चा है कि पूर्व मंत्री मीनाक्षी लेखी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, डा हर्षवर्धन का नाम भी उम्मीदवारी की लिस्ट में है। आरती मेहरा, शिखा राय और दूसरी पार्टियों से भाजपा में आये नेताओं को भाजपा ने चुनाव में उतार दिया है। भाजपा ने एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू और लोजपा को भी एक एक सीट दी है। इससे भाजपा के पुराने और वरिष्ठ नेताओं ने बागी सुर दिखा दिये हैं। ये समय ही बतायेगा कि भाजपा बागी लोगों को कितना फुसला पायेगी।