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कितनी घटिया सोच है भाजपा की!
पिछले दस सालों में जब से पीएम के रूप में मोदी ने सत्ता संभाली है तब से भाजपा नेताओं और उसके आईटी सेल के मुखिया की घटिया सोच जनता के सामने आती जा रही है। जिस तरह से भाजपा और सरकार के मंत्री कांग्रेस और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर रख रहे हैं उससे साफ जाहिर हो गया है कि उनकी मंशा राहुल गांधी के चरित्र का हनन की है। इस बात की तस्दीक लोकसभा के अंदर और बाहर भी देखने को मिल रही है। जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष नेता विपक्ष राहुल गांधी को हर हाल में रोकने में जुटे रहते हैं। सामान्य रूप माना जाता है कि नेता प्रतिपक्ष किसी भी समय बोल सकता है लेकिन वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका ही नहीं देना चाहते हैं। वहां भी वो एक भाजपा सांसद के रूप में दिखते है। ताजा मामला बुधवार 26 मार्च का है जब राहुल गांधी को बोलने का मौका आया तो ओम बिरला आसन पर बैठते ही राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहने लगे कि सांसदों को सदन की गरिमा का ध्यान चाहिये वो अपना आचरण सही रखें। सदन के अंदर मां बेटे, पति पत्नी और भाई बहन पहले भी सदस्य रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि सदन की गरिमा बनी रहे। इसके बाद तुरंत बिडला ने सदन की कार्यवाही लंच के बाद तक रोक दी।
ओम बिड़ला का दोहरा चरित्र सामने आया
ओम बिडला को उस वक्त सदन की गरिमा का ध्यान नहीं रहा जब भाजपा सांसद रमेश विधूरी बसपा सांसद दानिश अली को कटुआ, मुल्ला आतंकवादी और भडुवा कह रहा था। उस वक्त तो ओम बिडला चुपचाप मजा ले रहे थे। उसी विधूड़ी को भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रभारी बना दिया था। इतने पर भी पेट नहीं भरा तो उसे 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीएम फेस बनाते हुए चुनाव लड़वाया। यहां भी उसने अपनी घटिया सोच और मानसिकता दिखा दी। उसने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी को लेकर ओछी टिप्पणी कर दी। वो इस पर भी बाज नहीं आया। ठीक अगले दिन आप महिला नेता और तत्कालीन सीएम आतिशी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए भाजपा की असलियत का खुलासा कर दिया। सदन के भीतर भाजपा सांसद गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी की महिला सांसद महुआ मोइत्रा को नगर वधू कहा था। भाजपा हमेशा सदन में हंगामा करने के लिये दुबे, अनुराग ठाकुर, नारायण राने, पूर्व सांसद व मंत्री स्मृति ईरानी और बांसुरी स्वराज जैसे कुख्यात सांसदों को तैनात करती है जिससे सदन की कार्यवाही बाधित रहे। यह पहला मौका कि सत्ता धारी दल के सांसद सदन चालाने का विरोध करते दिख रहे हैं। उन सासदों को ओम बिरला की ओर से वरद हस्त प्राप्त है। ऐसे में ओम बिरला को सदन की गरिमा का ध्यान नहीं रहता है।
जानिये असल में मामला क्या था!
एक दिन पहले लोकसभा में सदन के अंदर किसी बात की बहस की मांग विपक्ष कर रहा था और सत्ताधारी दल के सांसद और मंत्री बहस का विरोध कर रहे थे। ऐसे में राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी दलों के सांसद वाक आउट कर रहे थे।

ऐसे में राहुल गांधी ने पीछे बैठीं प्रियंका गांधी को हाथ से इशारा कर बाहर आने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने अपनी छोटी बहन प्रियंका के गालों पर थपथपा दिया। इस बात को भाजपा सांसदों और सरकार के मंत्रियों ने बात का बतंगड़ बनाते हुए संसद की गरिमा का सवाल बना दिया। इसी बात पर अगले दिन ओम बिडला ने राहुल गांधी को सदन में सही आचरण करने की सलाह दे डाली। ओम बिडला हर रोज अपनी घटिया सोच का खुलासा लोकसभा में कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ आचरण राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ भी करते हैं। सभापति रहते हुए विपक्ष के सांसदों के साथ छोटी क्लास के बच्चों के साथ करते हैं।
नीचता की पराकाष्ठा कर दी अमित मालवीय ने
लोकसभा की इस कार्यवाही का प्रयोग भाजपा के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने दुष्प्रचार में करते हुए राहुल प्रियंका का वो फोटो ट्वीट कर डालते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस पर भाजपा समर्थक लोग चटकारा लेते हुए प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जनसामान्य की तरफ से अमित मालवीय को उनकी घटिया और ओछी सोच को लानत भेज रहे हैं। इन दस सालों में भाजपा की सोच इतनी ओछी हो गयी है कि वो भाई बहन के रिश्तों में गंदगी ढूंढ रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा आईटी सेल और नेताओं ने गंदी मानसिकता और सोच को उजागर किया है। दरअसल अब यह लगने लगा है कि भाजपा को लोकसभा में नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी ही सबसे बड़ा राजीतिक दुश्मन नजर आ रहे हैं। वो किसी तरह उनका चरित्र हनन करने की साजिश में जुट गये है। भाजपा और सरकार की यह मंशा है कि संसद में भी राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जाये। प्रमुख मीडिया तो वैसे भी इंडिया ब्लाक के नेताओं को दिखाता नहीं है। संसद में लोकसभा अध्यक्ष भी बोलने से रोकने बाज नहीं आ रहे हैं।