#AAP MP Rahul Chadha# Indian Union Budget 2025# Fin Min N Sitaraman# Rai Min Ashwini Vaishnav# External Minister S Jaishankar# Deport of NRI# USA# USA Prez. D Trump orders#
आप सांसद ने बजट पर सरकार के धागे खोले
संसद के दोनों सदनों में सरकार के वित्तीय बजट पर विपक्ष के सभी सांसद अपनी अपनी बात रख रहे हैं। लोकसभा और राज्यसभा में इंडिया ब्लाक के सांसद बजट की बारीकियों और कमियों पर उजागर कर रहे हैं। सपा, कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों के सांसद जोरदार तरीके से वित्त बजट की आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि यह बजट उद्योगपतियों की सुविधाओं को देखते हुए बनाया गया है। सरकार यह दावा कर रही है कि यह बजट मिडिल क्लास को राहत देने वाला है।

लेकिन यह सरकार का मिडिल क्लास के साथ धोखा देने वाला बजट है। सरकार ने कहहने को तो मिडिल क्लास की सैलरी पर रियायत देने का ढोंग किया है लेकिन वास्तविकता तो यह है कि 12 लाख तक सालाा वेतन पर कोई आयकर नहीं लगेगा। जब कि सलियत यह है कि सरकार ने रियायत दी है न कि यह ऐलान किया है कि कर से बाहर किया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने अपने 37 मिनट के भाषण में सरकार के वित्त बजट का पोस्टमार्टम कर सरकार की धज्जियां उड़ा दी। इतना ही नहीं भारत की वित्त व आर्थिक व्यवस्था, रेलवे और विदेश मंत्रालय की कलई खोलते हुए सरकार को आईना दिखाया। सत्ता दल के सांसद चुपचाप आप सांसद का तर्क संगत भाषण सुनने पर मजबूर रहे हैं।
आप सांसद ने सरकार की जड़ में डाल दिया मट्ठा
संसद के दोनों सदनों में वित्त जट पर जमकर बहस चल रही है। लेकिन इस बार विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हावी होता दिख रहा है। इंडिया ब्लाक जके सांसदों ने अपने भाषण में वित्तीय बजट की कलई खोलते सरकार को हिला कर रख दिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने अपने अपने आधा घंटे तर्कपूर्ण भाषण से सत्ताधीशों के होश उड़ा दिये। राघव चड्ढा ने अपने भाषण में वित्तीय प्रबंधन, रेलवे और विदेश मंत्रालयों पर सीधा प्रहार करते हुए पेाल खोलते हुए कहा कि सरकार इन मत्रालयों के जरिये देश की जनता का शोषण कर रही है। आम जनता के करों पर सरकार और मंत्री ऐश की जिंदगी जी रहे हैं। जन सरोकारों से मोदी सरकार कोई मतलब नहीं रख रही है। मिडिल क्लास के सरकार ने आयकर के रिबेट का ढोंग किया है। सरकार ने एक तरफ रिबेट का ऐलान किया वहीं दूसरे हाथ से उनकी आयपर डाका डालने का काम किया है। अगर कोई मिडिल क्लास का आदमी कुछ भी खरीदता है तो जीएसटी और सेस के नाम पर भारी रकम चुकानी पड़ेगी।
राघव का रेलवे मिनिस्ट्री पर जबरदस्त हमला
आप सांसद राघव चड्ढा ने जोरदार प्रभावी भाषण में रेल मंत्रालय पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि पिछले दस सालों में रेलचे मंत्रालय जनता की सुविधाओं की अनदेखी कर रही है। रेल मंत्रालय ने पिछले दस सालों में रेल यात्रा के किराये में इजाफा किया है। लेकिन सुविधाओं को नकारा जा रहा है। मसलन सामान्य रेलवे कोच में लगातार कटौती किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर आरक्षण के डिब्बे बढ़ाया जा रहा है।
सामान्य यात्रियों की सुविधाओं का अकाल
रेलवे मंत्रालय रेलवे यात्रियों की सुविधाओं पर उदासीन है वहीं दिन ब दिन सामान्य यात्रियों की परेशानियों पर उदासीनता बरती जा रही है। आरक्षित डिब्बेां में बढ़ोतरी होने से यात्रियों को डिब्बों में भेड़ बकरियों की तरह ठूंसे जा रहे हैं। यहा तक कि रेल डिब्बे के शौचालयों में बैठ कर यात्रा करना पड़ रहा है। रेलवे मंत्रालय और मंत्री रील बना कर मस्त हो रहा है। पिछले दस सालों में 200 से अधिक रेल हादसे हुए है जिसमें सैकडों लोग मारे गये हैं। हजारों की संख्या में रेलयात्रा में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके बावजूद सरकार इन हादसों पर रोक लगाने पर गौर नहीं कर रहा है। रेल के डिब्बों के अंदर सफाई और टॉयलेट की सफाई पर रेल विभाग कोई नियमित सफाई की व्यवस्था नही करवाता है। रेवले खाने को लेकर काफी उदासीन है। खाने की क्वालिटी भी काफी बुरी बतायी जाती है। खाने पीने की वस्तुओं की सप्लाई और क्वालिटी काफी गिरी हुई है इसकी शिकायतें यात्री रेलवे को कर चुके हैं लेकिन मंत्रालय इन शिकायतों को दूर करने में सख्त कदम नहीं उठाता दिख रहा है। रेलवे के डिब्बों में खाने पीने की वस्तुओं के दाम अधिक वसूले जाते हैं। इसके साथ ही लोकल खाने पीने के उत्पाद बेचे जाते हैं। रेलवे कोच
आईआरसीटीसी व ट्रैवेल एजेंसीज के घोटाले का खुलासा
आप सांसद ने रेल मंत्रालय में चल रहे घोटाले का खुलासा सदन मेें हुआ। आप सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में कहा कि रेेलवे की टिकट कभी आईआरसीटी की वेबसाइट से कंफर्म टिकट नहीं मिलता है। जबकि प्राइवेट ट्रेवैल एजेंसियों से मोटा पैसा लेकर कंफर्म टिकट मिल जाती है। इस तरह ट्रैवेल एजेंसी और रेलवे कर्मचारी मिलकर आम लोगों की जेब पर डाका डाला जा रहा
है। इस तरह रेलवे कर्मचारी और ट्रैवेल एजेंसी चलाने वाले मिलकर जनता का शोषण किया जा रहा है और मंत्रालय चैन की बंसी बजा रहा है। रिजर्वेशन के नाम पर तो कमीशन लेते ही है साथ टिकट कैंसिल कराने पर भारी कटौती की जाती है।
आप सांसद ने बजट पर सरकार के धागे खोले
संसद के दोनों सदनों में सरकार के वित्तीय बजट पर विपक्ष के सभी सांसद अपनी अपनी बात रख रहे हैं। लोकसभा और राज्यसभा में इंडिया ब्लाक के सांसद बजट की बारीकियों और कमियों पर उजागर कर रहे हैं। सपा, कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों के सांसद जोरदार तरीके से वित्त बजट की आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि यह बजट उद्योगपतियों की सुविधाओं को देखते हुए बनाया गया है। सरकार यह दावा कर रही है कि यह बजट मिडिल क्लास को राहत देने वाला है। लेकिन यह सरकार का मिडिल क्लास के साथ धोखा देने वाला बजट है। सरकार ने कहहने को तो मिडिल क्लास की सैलरी पर रियायत देने का ढोंग किया है लेकिन वास्तविकता तो यह है कि 12 लाख तक सालाा वेतन पर कोई आयकर नहीं लगेगा। जब कि सलियत यह है कि सरकार ने रियायत दी है न कि यह ऐलान किया है कि कर से बाहर किया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने अपने 37 मिनट के भाषण में सरकार के वित्त बजट का पोस्टमार्टम कर सरकार की धज्जियां उड़ा दी। इतना ही नहीं भारत की वित्त व आर्थिक व्यवस्था, रेलवे और विदेश मंत्रालय की कलई खोलते हुए सरकार को आईना दिखाया। सत्ता दल के सांसद चुपचाप आप सांसद का तर्क संगत भाषण सुनने पर मजबूर रहे हैं।
आप सांसद ने सरकार की जड़ में डाल दिया मट्ठा
संसद के दोनों सदनों में वित्त जट पर जमकर बहस चल रही है। लेकिन इस बार विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हावी होता दिख रहा है। इंडिया ब्लाक जके सांसदों ने अपने भाषण में वित्तीय बजट की कलई खोलते सरकार को हिला कर रख दिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने अपने अपने आधा घंटे तर्कपूर्ण भाषण से सत्ताधीशों के होश उड़ा दिये। राघव चड्ढा ने अपने भाषण में वित्तीय प्रबंधन, रेलवे और विदेश मंत्रालयों पर सीधा प्रहार करते हुए पेाल खोलते हुए कहा कि सरकार इन मत्रालयों के जरिये देश की जनता का शोषण कर रही है। आम जनता के करों पर सरकार और मंत्री ऐश की जिंदगी जी रहे हैं। जन सरोकारों से मोदी सरकार कोई मतलब नहीं रख रही है। मिडिल क्लास के सरकार ने आयकर के रिबेट का ढोंग किया है। सरकार ने एक तरफ रिबेट का ऐलान किया वहीं दूसरे हाथ से उनकी आयपर डाका डालने का काम किया है। अगर कोई मिडिल क्लास का आदमी कुछ भी खरीदता है तो जीएसटी और सेस के नाम पर भारी रकम चुकानी पड़ेगी।
राघव का रेलवे मिनिस्ट्री पर जबरदस्त हमला
आप सांसद राघव चड्ढा ने जोरदार प्रभावी भाषण में रेल मंत्रालय पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि पिछले दस सालों में रेलचे मंत्रालय जनता की सुविधाओं की अनदेखी कर रही है। रेल मंत्रालय ने पिछले दस सालों में रेल यात्रा के किराये में इजाफा किया है। लेकिन सुविधाओं को नकारा जा रहा है। मसलन सामान्य रेलवे कोच में लगातार कटौती किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर आरक्षण के डिब्बे बढ़ाया जा रहा है। रेलवे मंत्रालय रेलवे यात्रियों की सुविधाओं पर उदासीन है वहीं दिन ब दिन सामान्य यात्रियों की परेशानियों पर उदासीनता बरती जा रही है। आरक्षित डिब्बेां में बढ़ोतरी होने से यात्रियों को डिब्बों में भेड़ बकरियों की तरह ठूंसे जा रहे हैं। यहा तक कि रेल डिब्बे के शौचालयों में बैठ कर यात्रा करना पड़ रहा है। रेलवे मंत्रालय और मंत्री रील बना कर मस्त हो रहा है। पिछले दस सालों में 200 से अधिक रेल हादसे हुए है जिसमें सैकडों लोग मारे गये हैं। हजारों की संख्या में रेलयात्रा में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके बावजूद सरकार इन हादसों पर रोक लगाने पर गौर नहीं कर रहा है। रेल के डिब्बों के अंदर सफाई और टॉयलेट की सफाई पर रेल विभाग कोई नियमित सफाई की व्यवस्था नही करवाता है। रेवले खाने को लेकर काफी उदासीन है। खाने की क्वालिटी भी काफी बुरी बतायी जाती है। खाने पीने की वस्तुओं की सप्लाई और क्वालिटी काफी गिरी हुई है इसकी शिकायतें यात्री रेलवे को कर चुके हैं लेकिन मंत्रालय इन शिकायतों को दूर करने में सख्त कदम नहीं उठाता दिख रहा है। रेलवे के डिब्बों में खाने पीने की वस्तुओं के दाम अधिक वसूले जाते हैं। इसके साथ ही लोकल खाने पीने के उत्पाद बेचे जाते हैं।
विपक्ष के आगे सरकार हुई नतमस्तक
वर्तमान एनडीए सरकार विपक्ष के आगे बिल्कुल असहाय दिख रही है। पीएम मोदी को पिछले 11 साल में के शासन में पहली बार विपक्षी एकता का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले संसद के दोनों सदनेां में विपक्ष की आवाज सुनायी नहीं पड़ती थी। हालात यह थे कि नेताप्रति पक्ष भी नहीं था। 2024 के आम चुनाव ने मोदी शाह और भाजपा को इस बात का अहसास दिला कि सदनों में विपक्ष को सुनना ही पड़ेगा। इस बार सरकार ने कई बिल लाने का प्रयास किया लेकिन विपक्ष के कड़े विरोध के कारण उन्हें वापस लेना पड़ा या जेपीसी में भेजने को मजबूर हो गये। मालूम हो कि नरेंद्र मोदी हमेशा बहुमत की सरकार चलाने के आदी हैं। गुजरात में भी मोदी मुख्यमंत्री थे तब भी बहुमत की सरकार चलाते थे। यही वजह है कि वो बैसाखी पर चल रही एनडीए की सरकार में मोदी और शाह कसमसा रहे हैं। वो इसी फिराक में है कि 32 सांसदों का जुगाड़ कर नितीश कुमार और चंद्रवाबू नायडू की छुट्टी कर उनसे मुक्ति मिल सके। इसी लिये वो उन राजनीतिक दलों के सांसदों पर निशाना लगाने की साजिश में मशगूल हैं।