#PM Modi in Trouble# NDA alliance# JDU & TDP# Nitish Kumar# N Chandrababu Naidu# INDIA# Rahul Gandhi# NDA govt.# Maha Politics# CM Eknath Shinde# Dy CMAjit Pawar# NCP Sharad#

देश में मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन गयी है। ये माना जा रहा था कि इस बार नरेंद्र मोदी की सोच में बदलाव आयेगा। लेकिन ऐसा कुछ दिखा नहीं केन्द्रीय मंत्रिमंडल में भाजपा के सांसदों वर्चस्व ही नजर आया है। समर्थक दलों के नेताओं को कम महत्वपूण विभागों को दिया गया है। 72 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में स्थान मिला है जिसमे 60 मंत्री बीजेपी कोटे से बनाये गये है। सभी प्रमुख विभाग जैसे गृहमंत्रालय, पेट्रोलियम, शिक्षा, वित्त, कृषि सभी पर मोदी के पसंदीदा नेताओं के हिस्से में आये हैं। इस बात को लेकर नाराजगी कैबिनेट की पहली बैठक में दिखी। मोदी अलायंस के सभी मंत्रियों को यह समझाने में दिखे कि सरकार का लक्ष्य बहुत बड़ा है हमें सहयोग से सरकार को चलाना है। जेडीयू और टीडीपी को सिर्फ दो दो कैबिनेट में मंंत्रियों को स्थान मिला है। य​ह भी चर्चा में है कि केरल के सांसद ने मं​त्री बनने के कुछ समय बाद ही इस्तीफा देने की बात कही है।

A political strome in Maharashtra. State govt. is unstable due to Broken parties
A political strome in Maharashtra. State govt. is unstable due to Broken parties

कभी भी गिर सकती है महाराष्ट्र सरकार
लोकसभा का चुनाव निपटा अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की गूंज सुनायी देने लगी है। अब एक बार फिर महाविकास अघाड़ी और महायुती के बीच मुकाबले की आहट सुनायी दे रही है। लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की धूम देखी गयी। सबसे बुरा हाल भाजपा का रहा है। दो साल से महाराष्ट्र में भाजपा, शिंदे सेना और अजित पवार गुट की सरकार खींव तान की से चल रही है। लोकसभा चुनाव परिणाम से सरकार में शामिल शिंदे गुट सेना, एनसीपी अजित पवार और भाजपा के होश उड़ गये हैं। शिंदे गुट को 7 सीटों पर जीत मिली भाजपा को 9 सीट व एनसीपी अजित गंट को मात्र एक सीट पर जीत हासिल हुई है। सबका नशा हिरन हो गया है।
घर वापसी की हो रही तैयारी
यह चर्चा चल रही है कि अजित गुट और शरद पवार के बीच घर वापसी पर बातचीत चल रही है। ऐसा ही कुछ हाल शिंदे गुट सेना का भी उसके विधायक ठाकरे गुट से संपर्क साध रहे हैं। दो ढायी साल में उनको समझ में भाजपा की साजिश आ गयी है। भाजपा ने किस तरह उनको बरगला कर पार्टियों को तुड़वाया है। गनीमत इसी में कि वो अपनी मूल पार्टी में वापस चले जायें ताकि उनकी राजनीति बची रही है। अलग अलग दलों के रूप में चुनाव लड़कर देख लिया कुछ भी हासिल नहीं हुआ। दो बिल्लियों की लड़ाई में बंदर ने भरपूर फायदा उठाया। साथ ही जनता की नजर में वो गद्दार भी साबित हुए। ये सब भाजपा की साजिश के कारण ही हुआ है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा होगी साफ!
लेकिन सुबह का भूला शाम को घर आ जाये तो उसे भूला नहीं कहते। लेकिन ये तभी संभव हो पायेगा जब शरद पवार और ऊद्धव ठाकरे सभी बागियों को वापस लेने को तैयार हो जायें। भाजपा के इशारे पर शिंदे व अजित गुट ने मूल दलों के नेताओं के बरे में खूब ऊल जुलूल बयान दिये हैं। शिंदे व अजित पवार की हरकतों की वजह से शिवसेना और एनसीपी की मिट्टी पलीत हुई। इसके साथ पार्टी सिंबल और झण्डा तक छीन लिया गया। हालात इतने बुरे हुए कि मोदी शाह ने आम चुनाव जीतने के लिये ऊद्धव ठाकरे की पार्टी को नकली तक बता दिया। शरद पवार पर निशान साधने से नहीं चूके मोदी और शाह। लेकिन आम चुनाव के परिणामों से पता चल गया कि कौन सी शिवसेना और असली है और नकली। ऐसा ही कुछ हाल अजित पवार को भी अपनी हैसियत पता चल गयी। जनता ने बता दिया कि ठाकरे परिवार ही शिवसेना के असली वारिस हैं। शरद पवार को भी जनता ने अपना सहयोग और समर्थन दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here