Maha Political strom. BJP & CM Shinde both are upset for seat sharing
Maha Political strom. BJP & CM Shinde both are upset for seat sharing

#Maha Politics# Ex CM Devendra Fadanvis# CM Eknath Shinde# PM Modi# Amit Shah# Shiv sena UBT# Election commission#

महाराष्ट्र का दंगल— सीएम पद एक कई बीमार

महाराष्ट्र में राजनीतिक पारा काफी चढ़ चुका है। लगभग दस माह बाद आम चुनाव होना है और इसके पहले विधान सभा चुनाव होने हैं। एक साल में दो राजनीतिक दलों में फूट पड़ गयी। पिछले साल शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी और सरकार से बगावत कर 56 साल पुरानी पार्टी को तोड़ भाजपा के मिलकर सरकार बना ली। इससे पूर्व सीएम ऊद्धव ठाकरे को भारी नुकसान हुआ। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे वाले गुट को शिवसेना का सिंबल व झण्डा भी अलाट कर दिया। भाजपा ने एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का सीएम बनाया और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बना दिया। जून 2023 में भाजपा के इशारे पर महाराष्ट्र की प्रमुख पार्टी एनसीपी को तोड़ दिया गया। एनसीपी के अजित पवार ने पार्टी से बगावत कर 30 से अधिक विधायकों को तोड़ लिया। इस बात को खुलासा तब हुआ जब अजित पवार ने महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। ये भी चर्चा में आ रहा है कि अजित पवार ने कहा ​है कि वो सरकार में मुख्यमंत्री बनने आये हैं। ठीक शिवसेना की तर्ज पर एनसीपी को भी तोड़ने की साजिश भाजपा ने की। अब लोग कहने लगे हैं कि उन प्रदेशों जहां भाजपा सरकारें नहीं हैं वहां भाजपा विपक्षी पार्टियों को तोड़ने फोड़ने का काम कर रही हैं। यही कारण है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की हालत बहुत खस्ता है। अजित पवार को बीजेपी ने एनडीए में शामिल करके भी उनको चैन नहीं मिल रहा है। भाजपा इस जुगत में है कि अजित पवार और एकनाथ शिंदे को कैसे यूज किया जाये।

A political strome in Maharashtra. State govt. is unstable due to Broken parties
A political strome in Maharashtra. State govt. is unstable due to Broken parties

शिंदे और फडणवीस का क्या होगा

अजित पवार के इस बयान से सरकार हिचकोले खाने लगी है। यहां पहले से ही एक पूर्ण कालीन मुख्यमंत्री डिप्टी पद पर है। अगर अजित पवार को सीएम बनाया गया तो सीएम शिंदे का क्या होगा। इसके अलावा भाजपा सिर्फ दूसरे दलो के नेताओं को ही सीएम क्यों बनायें इससे बीजेपी के नेताओं में गुस्सा फूटेगा। ये तब हो रहा है जब कि बीजेपी के पास 105 विधायक हैं और 40 विधायकों वाले दल का नेता शिंदे प्रदेश का सीएम बना बैठा। जब से सराकर बनी है तभी से शिदे गुट और भाजपा नेताओं की बीच खींचतान देखी जा रही है। आम चुनाव में सीटों की हिस्सेदारी को लेकर भी तनाव चल रहा है। अब एक नया विवाद अजित पवार के आने से शुरू हो गया है। यह माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के अच्छे दिन अब खत्म हो गये हैं। उनका सीएम पद किसी भी वक्त लिया जा सकता हैं। अजित पवार के समर्थन से भाजपा को शिंदे गुट की जरूरत नहीं रह गयी है। लेकिन देवेंद्र फडणवीस को भाजपा कहां एडजस्ट करेगी ये एक यक्ष प्रश्न बन गया है।

शिंदे गुट के 16 विधायकों पर गाज गिर सकती है गाज

शिवसेना के नेता और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने सरकार गिरने बाद सुप्रीम कोर्ट शिंदे गुट के खिलाफ मामला दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवायी करते हुए आदेश दिया था कि विधानसभा स्पीकर शिंदे गुट के 16 विधायकों के सदस्यता पर निर्णय लें। लगभग दो माह बाद उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख और अपनी मांग दोहरायी। इससे विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 16 विधायकों को नोटिस जारी कर दिया। स्पीकर के निर्णय से शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता खत्म हो सकती है। इनमे एकनाथ शिंदे का भी नाम है। अगर ऐसा होता है तो शिंदे गुट के अन्य सदस्यों की हालत सांप छछूंदर सी हो जायेगी कि वो कहां जायें। ये हो सकता है कि ऊद्धव ठाकरे शायद कुछ विधायको की घर वापसी कर लें। लेकिन विधायकों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है।

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