Raksha Mantri announcment today : आत्‍मनिर्भर भारत को बूस्‍ट, घरेलू कंपनियों को मिलेंगे 4 लाख करोड़ के ठेके


Edited By Deepak Verma | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल)
हाइलाइट्स

  • रक्षा मंत्री कार्यालय के ट्वीट से अटकलों का दौर शुरू
  • सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कयास लगा रहे यूजर्स
  • किसी ने कहा चीन पर बोलेंगे तो कोई तेजस विमानों की डील साइन होने की कर रहा बात
  • चीन के साथ पूर्व लद्दाख में तनाव है बरकरार, देपसांग और पैंगोंग झील में अड़ी है चीनी सेना

नई दिल्‍ली

रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ अभियान को बड़ा बूस्‍ट देने की तैयारी कर ली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार सुबह कहा कि मंत्रालय ने 101 आइटम्‍स की लिस्‍ट तैयार की है जिनके आयात की समयसीमा पर एम्‍बार्गो लगेगा। सिंह के मुताबिक, यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्‍होंने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्मन के बाद किया गया है। इस फैसले से भारत की डिफेंस इंडस्‍ट्री को बड़े पैमाने पर उत्‍पादन का मौका मिलेगा।

अगले 6-7 साल में बढ़ेगा डॉमिस्टिक डिफेंस प्रॉडक्‍शन

रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने जो लिस्‍ट बनाई है वह सेना, पब्लिक और प्राइवेट इंडस्‍ट्री से चर्चा के बाद तैयार की गई है। राजनाथ सिंह के मुताबिक, ऐसे उत्‍पादों की करीब 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्‍त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कॉन्‍ट्रैक्‍ट्स दिए थे। उनका अनुमान है कि अलगे 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्‍ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए जाएंगे।

चीन के साथ कोर कमांडर लेवल की बातचीत फेल

पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल पर तनाव बरकरार है। कुछ फ्रिक्‍शन पॉइंट्स से चीनी सेना पीछे हटी है मगर देपसांग और पैंगोंग त्‍सो में टस से मस होने को तैयार नहीं। दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्‍तर पर कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद, शनिवार को मेजर-जनरल स्‍तर की बातचीत शुरू हुई है। भारत ने साफ कहा कि देपसांग से चीन को अपने सैनिक वापस बुलाने होंगे।

सेना हर मोर्चे पर है अलर्ट

केंद्र सरकार की तरफ से बॉर्डर पर सेना को ‘फ्री-हैंड’ मिला हुआ है। रक्षा मंत्री भी कह चुके हैं कि सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे। फिलहाल सीमा पर भारत और चीन, दोनों के ही हजारों सैनिक भारी गोला-बारूद के साथ तैनात हैं। तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच, मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक, दोनों चैनल्‍स के जरिए बातचीत हो रही है।



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