Russia Vaccine Update: रूसी वैक्सीन पर दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर गुलेरिया बोले, सुरक्षा और साइड इफेक्ट की परख जरूरी


Randeep Guleria on Russia Corona Vaccine: एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने रूसकी कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा और साइड इफेक्ट जांचने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह भी जांचना होगा कि इस वैक्सीन से इम्युनिटी कितनी बढ़ती है।

Edited By Satyakam Abhishek | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

भारत में दिसंबर तक आएगी कोरोना वैक्‍सीन: दावा
हाइलाइट्स

  • रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोरोना वैक्सीन की खोज का किया दावा
  • रूस की इस खोज पर एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का बड़ा बयान
  • उन्होंने कहा कि वैक्सीन की सेफ्टी से लेकर साइड इफेक्ट की जांच जरूरी
  • बता दें कि अमेरिका, जर्मनी समेत कई देश रूस की वैक्सीन पर जता रहे हैं संदेह

नई दिल्ली

कोरोना वैक्सीन के खोज के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दावे के बाद पूरी दुनिया में इसपर अलग-अलग प्रतिक्रिया आई है। दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस वैक्सीन की सेफ्टी से लेकर साइड इफेक्ट की जांच जरूरी है। उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर अमेरिका और जर्मनी जैसे देश रूस की वैक्सीन पर संदेह जता रहे हैं। WHO का कहना है कि रूस इस वैक्सीन को लेकर जरूरी डेटा साझा नहीं कर रहा है। बता दें कि दुनिया के कई देश कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण में जुटे हैं। भारत में भी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल स्टेज में पहुंच चुका है।

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एम्स डायरेक्टर बोले, सेफ्टी की जांच जरूरी

गुलेरिया ने कहा, ‘हमें देखना पड़ेगा कि रूसी वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव हो। सेफ का मतलब कि उससे कोई साइड इफेक्ट नहीं हो और इफेक्टिव का मतलब कि वैक्सीन इम्युनिटी को बढ़ाती हो। अगर ये दोनों चीजें आती हैं तो बड़ा कदम होगा। भारत के पास यह क्षमता है कि वह इसका बडे़ पैमाने पर उत्पादन कर पाए। उससे वैक्सीन ट्रायल और प्रभावकारी होगी और यह जल्दी आ जाएगी।’ उन्होंने कहा कि ये दोनों चीजें वैज्ञानिक दुनिया में साफ होनी चाहिए कि वैक्सीन सेफ और सुरक्षित है।

भारत समेत कई देशों में बनेगी रूसी कोरोना वैक्सीन

  • भारत समेत कई देशों में बनेगी रूसी कोरोना वैक्सीन

    रूसी कोरोना वैक्सीन परियोजना के लिए फंड मुहैया कराने वाली संस्था रशियन डॉयरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने अपने बयान में कहा है कि इस वैक्सीन का उत्पादन भारत, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, सऊदी अरब, तुर्की और क्यूबा में किया जाएगा। इसमें यह भी बताया गया है कि वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल सऊदी अरब, यूएई, ब्राजील, भारत और फिलीपींस सहित कई देशों में किए जाने की योजना है।

  • 2020 के अंत तक 20 करोड़ डोज बनाने की तैयारी

    रूस ने बताया कि वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन सितंबर 2020 में शुरू होने की उम्मीद है। भविष्य की योजनाओं में 2020 के अंत तक इस वैक्सीन के 20 करोड़ डोज बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 3 करोड़ वैक्सीन केवल रूसी लोगों के लिए होगी।

  • पुतिन की एक बेटी को भी लगी वैक्सीन की डोज

    पुतिन ने कहा कि इस वैक्सीन के ट्रायल के दौरान उनकी एक बेटी ने भी हिस्सा लिया। पहले चरण के वैक्सीनेशन के बाद उसके शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस था, जबकि अगले दिन यह 37 डिग्री सेल्सियस हो गया था। वैक्सीन ने दूसरे चरण के बाद उसके शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ा लेकिन बाद मे सब ठीक हो गया। वह अब अच्छा महसूस कर रही है।

  • वैश्विक सहयोगियों से पुतिन ने की अपील

    पुतिन ने कोरोना वायरस वैक्सीन के निर्माण से जुड़े हर किसी को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने इसे दुनिया के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारे विदेशी सहयोगी भी हमारा साथ देंगे। इससे वैश्विक दवा और वैक्सीन के बाजार में रूसी वैक्सीन उपलब्ध होगी।

  • अमेरिका ने रूसी वैक्सीन पर जताया संदेह

    अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा सचिव एलेक्स अजार ने कहा है कि कोविड-19 का पहला टीका बनाने की जगह कोरोना वायरस के खिलाफ एक प्रभावी और सुरक्षित टीका बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। अजार ने कहा कि विषय पहले टीका बनाने का नहीं है। विषय ऐसा टीका बनाने का है जो अमेरिकी लोगों और विश्व के लोगों के लिए सुरक्षित तथा प्रभावी हो। उन्होंने यह भी कहा कि टीके की सुरक्षा और इसके प्रभाव को साबित करने के लिए पारदर्शी डेटा का होना महत्वपूर्ण है। अजार ने बताया कि अमेरिका में छह टीकों के विकास पर काम हो रहा है।

  • जर्मनी भी बोला- वैक्सीन पर कोई डेटा नहीं

    जर्मनी ने भी रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर संदेह जताया है। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यूरोपीय संघ में क्लिनिकल ट्रायल के बाद ही दवा को मंजूरी दी जाती है। हमारे यहां रोगी की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। रूसी वैक्सीन की गुणवत्ता, प्रभावकारिता और सुरक्षा पर कोई ज्ञात डेटा नहीं है।

  • रूस का दावा- 20 देशों से 1 अरब डोज का मिला ऑर्डर

    रूसी कोरोना वैक्सीन परियोजना के लिए फंड मुहैया कराने वाली संस्था रशियन डॉयरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के प्रमुख किरिल दिमित्रिज ने कहा कि इस वैक्सीन के लिए 20 देशों से एक अरब डोज बनाने का ऑर्डर मिला हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सितंबर से इस वैक्सीन का औद्योगिक उत्पादन शुरू होने की संभावना है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि किन देशों ने इस वैक्सीन के लिए ऑर्डर दिए हैं।

दुनिया में 2 करोड़ से ज्यादा कोरोना मरीज

बता दें कि दुनिया में कोरोना के 2 करोड़ से ज्यादा मरीज हो चुके हैं। इस जानलेवा बीमारी ने अबतक पूरी दुनिया में करीब साढ़े सात लाख लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। भारत में कोरोना मरीजों की तादाद करीब 23 लाख पहुंच चुकी है। दुनिया के कई देश कोरोना वैक्सीन के निर्माण में जुटे हुए हैं।

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रूसी वैक्सीन में 20 देशों ने दिखाई है रूचि

रूस के कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत समेत दुनियाभर के 20 देशों ने रूचि दिखाई है। रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी को लेकर बनाए गए वेबसाइट पर दावा किया गया है कि यूएई, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्राजील, मैक्सिको और भारत ने रूस की वैक्सीन को खरीदने की बात की है। इस वैक्सीन के 20 करोड़ डोज बनाने की तैयारी की जा रही है जिसमें से 3 करोड़ केवल रूसी लोगों के लिए होगी।

एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (फाइल फोटो)

एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (फाइल फोटो)

Web Title russia covid-19 vaccine aiims delhi director randeep guleria says safety needs to be assessed(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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