नयी दिल्ली। शुक्रवार को महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष ने प्रेस के सामने ऐसा बयान दिया कि अन्य राजनीतिक दलों से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयी है। सबसे पहले एनसीपी के प्रवक्ता ने चंद्रकांत पाटील को नसीहत देते हुए कहा कि आपके पास बहुमत का आंकड़ा था तो आपने राज्यपाल से ये क्यों कहा कि हम सरकार नही बना सकते हमारे पर 145 का समर्थ पत्र नहीं है।
एनसीपी के बाद अब शिवसेना मुख पत्र सामना में बीजेपी नेता को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य में नये समीकरण बनता देख एक राजनैतिक दल के पेट में दर्द होने लगा है। ऐसे भी श्राप दिये जा रहे है कि अगर सरकार बन भी गयी तो छह माह से अधिक नहीं टिक पायेगी। हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप है। अगर किसी को ऐसा लगता है तो वो इस मानसिकता से बाहर निकल आये। ये मानसिकता 105 वालों की सेहत के लिये ठीक नहीं है।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने इन हालातों में में बशीर बद्र का शेर लिखा कि यारों नये मौसम में ये एहसान किया, याद मुझे वो दर्द आते नहीं
आगे लिखा गया है कि 105 वाले कह रहे हैं कि अब आयेगी तो भाजपा ही। वहीं लोग किस मुंह से कह रहे हैं कि उनकी सरकार बनेगी। राष्ट्रपति शासन लगते ही बोलने लगे कि हमारी सरकार बनने जा रही है। बहुमत राष्ट्रपति शासन के सिलबटे् से निकलेगा। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद हार्स ट्रेडिंग का रास्ता साफ हो गया है।