एक तरफ लॉक डाउन की वजह से पूरे देश में मंदी का दौर चल रहा है। उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं लोगों की नौकरियां जा रही हैं। करोड़ों लोग बेरोजगार होते जा रहे हैं। केन्द्र सरकार रोजगार के अवसर प्रदान करने के बजाय लोगों को बेरोजगार करने में जुटी हुई है। प्रवासी मजदूरों के पास काम न होने से वो भुखमरी के कगार पर आ गये हैं। वोकिसी भी हालत में अपने घरों को जाने के लिये तैयार हैं। सरकार के साधन न मिलने पर वो साइकिल या पैदल पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े हैं। अक्सर वाहनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस के 9,300 से अधिक पदों को खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य क्षमता बढ़ाने और रक्षा खर्च को संतुलित करने के लिए बनाई गई लेफ्टिनेंट जनरल शेखटकर समिति की सिफारिशों को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) में बेसिक और इंडस्ट्रियल वर्कफोर्स के 9304 पद समाप्त कर दिए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘लेफ्टिनेंट जनरल शेखटकर के अगुआई में एक्सपर्टस कमिटी की सिफारिश के मद्देनजर पर यह फैसला किया गया है। कमिटी ने सैन्य बलों की क्षमता बढ़ाने और रक्षा खर्चों को संतुलित करने के लिए यह सिफारिश की थी।’
कमिटी ने अपनी सिफारिश में यह भी कहा कि एमईएस का पुर्नगठन किया जाएगा। एमईएस का काम आंशिक रूप से विभागीय कर्मचारी द्वारा देखा जाएगा जबकि अन्य कार्य को आउटसोर्स करने की योजना है। इंजीनियर इन चीफ एमईएस की कुल 13,157 वैकेंसी में से 9304 पदों को खत्म करने का प्रस्ताव लेकर आए थे जिसके आधार पर कमिटी ने रक्षा मंत्रालय से सिफारिश की थी।
क्या है एमईएस?
बता दें कि एमईएस भारत में सबसे पुरानी और सबसे बड़ी सरकारी रक्षा बुनियादी ढांचा विकास ऐजेंसियों में से एक है। यह मुख्य रूप से भारतीय सेनाओं, आयुर्विज्ञान कारखानों, डीआरडीओ और भारतीय तट रक्षक सहित भारतीय सशस्त्र बलों के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण कार्यों का प्रबन्धन करती है….
मैंने एक बार नहीं बार बार कहा है कि आज गरीब और मजदूर सड़क पर है और अब मध्यम वर्ग की भी चिपकेगी….कहना यह चाहिए चिटकनी आरंभ हो चुकी है। …ये वही मजदूर हैं 2000/= खाते में पाकर नारे लगा रहा था “नून रोटी खाएंगे मोदी को जिताएंगे”….आज नून भी नहीं मिल रहा है और 500 से 1000/2000 किलोमीटर पैदल चलकर जा रहे हैं सो अलग…..। जो बोया है वही काटोगे……फिर लिख रहा हूं ये तो अभी आरंभ है……।। राष्ट्रवाद माता की जय।
पत्रकार पवन सिंह