Sushant Case LIVE UPDATE: बस थोड़ी ही देर में आनेवाला है सीबीआई जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला


देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट आज यह फैसला सुनाने वाली है कि सुशांत सिंह राजपूत के मामले की जांच सीबीआई करेगी या नहीं। सुशांत के फैन्स और परिवार वाले इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और उनके लिए लगातार सीबीआई जांच की भी मांग कर रहे हैं। कोर्ट की पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दी थीं, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इस वक्त सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे देश को इंतजार है।

कोर्ट के फैसले से पहले सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भगवान से प्रार्थना की है। श्वेता ने महाभारत की एक तस्वीर पोस्ट कर लिखा है- भगवान हमारे साथ हैं। श्वेता ने महाभारत की उस तस्वीर को शेयर किया है जिसमें रथ भगवान श्रीकृष्ण चला रहे हैं और अर्जुन अपने धनुष की कमान संभाले हैं। श्वेता ने इस पोस्ट में लिखा है- हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलिए! शरणागति।’

बिहार के डीजीपी बोले- पूरे देश को फैसले का इंतजार
बिहार के डीजीपी ने गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, ‘पूरा देश आज इस फैसले का इंतजार कर रहा है। देश की सबसे ऊंची अदालत के इस फैसले का इंतजार पूरे देश की 130 करोड़ जनता को है।’

बता दें कि इस मामले में रिया चक्रवर्ती की सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका पर आज बुधवार (19 अगस्‍त) को फैसला आ सकता है। सुशांत के पिता के के सिंह की पटना में कराई गई एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने पहले ही जांच शुरू कर दी थी। हालांकि, महाराष्‍ट्र सरकार ने इसका यह कहते हुए विरोध किया था कि यह जांच मुंबई पुलिस को करनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
कोर्ट की पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। पिछली सुनवाई में रिया चक्रवर्ती के वकील श्याम दीवान, बिहार सरकार के वकील मनिंदर सिंह, महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी, सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह, केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपना-अपना पक्ष रखा था। सभी पक्षों की दलीलें सुनकर रिया चक्रवर्ती की केस ट्रांसफर करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

रिया चक्रवर्ती ने लिखा- मामले को मुंबई ट्रांसफर किया जाए
मामले में रिया चक्रवर्ती की ओर से भी लिखित दलील पेश की गई। इसमें कहा गया कि सुशांत की मौत मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है। पटना में दर्ज केस गलत है। यह बिहार पुलिस का जूरिडिक्शन नहीं है और इस तरह सीबीआई को केस ट्रांसफर करना भी सही नहीं है। अपनी लिखित दलील में रिया की ओर से यह भी कहा गया है कि बिहार पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और केस सीबीआई को दे दिया गया, ये सब बिना जूरिडिक्शन के हुआ है। ऐसे में मामले को मुंबई ट्रांसफर किया जाए।

सीबीआई का है कहना- केस ट्रांसफर की याचिका गलत
सीबीआई की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दिया गया था। जवाब में कहा गया कि कोर्ट को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपनी जांच जारी रखने देना चाहिए। सीबीआई का कहना था कि केस ट्रांसफर की याचिका गलत है और कई कारणों से खारिज होने के लायक है।

सुशांत के पिता ने कराई थी एफआईआर
गौरतलब है कि सुशांत के पिता ने अपनी एफआईआर में रिया के खिलाफ धोखाधड़ी करने, सुशांत को आत्‍महत्‍या के लिए उकसाने जैसे सनसनीखेज आरोप लगाते हुए एफआईआर कराई थी। इसके बाद रिया ने मांग की थी कि मामले को पटना से मुंबई ट्रांसफर किया जाए। इसके लिए उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी।

सुशांत की पिता ने कहा था- मुंबई पुलिस की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं
वहीं, सुशांत के पिता की ओर से दाखिल लिखित दलील में कहा गया कि मुंबई पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जबकि पटना में केस दर्ज होने के बाद 10 लोगों से पूछताछ हुई है। शुरुआती जांच में जूरिडिक्शन का सवाल नहीं उठाया जाता है और मुंबई पुलिस की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है। शिकायती ने कहा था कि मुंबई पुलिस ने मामले की छानबीन सही तरह से नहीं की है। ऐसे में पटना पुलिस का इस मामले में पूरा जूरिडिक्शन बनता है। सुशांत जब जिंदा था, तब भी संदिग्ध आरोपियों ने उसे पिता से बात नहीं करने दी। ऐसे में क्राइम का जूरिडिक्शन पटना का बनता है।

महाराष्‍ट्र और बिहार सरकार आमने-सामने
इसके बाद पटना में दर्ज केस पर महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में जवाब दिया कि यह गलत मंशा से दर्ज किया गया केस है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि सीबीआई को केस ट्रांसफर किया जाना सही नहीं है। सरकार की ओर से आरोप लगाया गया कि बिहार में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है। चुनाव बीतते ही सब भूल जाएंगे। दूसरी तरफ, बिहार सरकार ने पटना में दर्ज केस को सही बताते हुए दलील दी कि मुंबई पुलिस राजनीतिक दबाव में है और इसी कारण अभी तक मुंबई में इस मामले में केस तक दर्ज नहीं हुआ है। बिहार सरकार की तरफ से कहा गया कि सीबीआई जांच जल्दी से जल्दी पूरी होनी चाहिए। सीबीआई की जांच में कोई बाधा डालने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।



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