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दस साल पुरानी आम आदमी पार्टी को पटखनी तो भाजपा ने दे दी है लेकिन भाजपा की नयी सरकार इन परेशानियों और चुनौतियों को भाजपा कैसे हैंडिल करेगी ये तो आने वाला समय ही बतायेगा। दिल्ली में भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान जनता से वादे तो भर भर कर किये हैं।

Modi Shah & Govt. don't want disclose the secret of Electoral bond through SBI in Supreme Court
PM Modi, Shah & JP Nadda are feeling heat for New Delhi BJP govt. budget

उन वादों से नयी ​सरकार कैसे निपटेगी यह एक यक्ष प्रश्न है। भाजपा का चुनावों मे किये गये वादों का इतिहास देखें तो वादे पूरा करने में भाजपा का रिकार्ड अच्छा नहीं है। यूपी बिहार मध्य प्रदेश और उत्तराखंड समेत भाजपा शासित राज्यों में भाजपा कभी भी अपने वादों को पूरा करते नहीं देखा गया है। यूपी में भी फ्री सिलेंडर देने की बात चुनाव प्रचार के दौरान मोदी शाह और योगी ने की थी। लेकिन यह वादा हवा हवाई ​ही रहा है। दिल्ली सरकार चलाना भाजपा के लिये एक बड़ी चुनौती साबित होने वाला है।
दिल्ली मे भाजपा की मजबूत सरकार
दिल्ली विधानसभा के चुनाव में 27 साल बाद बीजेपी को जीत हासिल हुई है. पार्टी को 70 में से 48 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी सरकार को मिली है गंभीर चुनौतियां। बीजेपी में नए मुख्यमंत्री के लिए चेहरे की तलाश भी शुरू हो गई है। इस चुनौती से निपटने के बाद पार्टी के लिए चुनावी वायदों को पूरा करना और दावों को सच कर दिखाना बड़ी चुनौती बन सकता है। आम आदमी पार्टी अब विपक्ष में है और उसकी निगाहें बीजेपी पर होंगी।
बेहाल दिल्ली सरकार को होगी स्पेशल वजट की दरकार
बीजेपी पिछली सरकार की योजनाओं में क्या बदलाव करती है और अपनी दिल्ली का इस वित्तीय वर्ष का बजट 76 हजार करोड़ रुपए है।

After Hindenberg research Indian Govt. is trying to find out solution for news ecomic crises
After Hindenberg research Indian Govt. is trying to find out solution for news ecomic crises

इसमें सबसे ज्यादा खर्च शिक्षा पर 16,396 करोड़ रुपए निर्धारित है.वहीं आवास और शहरी विकास 9,800 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य सेवा पर 8,685 करोड़ और परिवहन पर 7,470 करोड़ रुपए निर्धारित है। जल आपूर्ति और स्वच्छता 7,195 करोड़ रुपए और सामाजिक सुरक्षा कल्याण 6,694 करोड़ रुपए का खर्च प्रमुख है। कर, केंद्रीय सहायता और गैर कर स्रोतों से आय की बात करें तो 2024-25 के समापन तक 64,142 करोड़ से 62,415 करोड़ रुपए अनुमानित की गई थी।
सरकार के लिये राजस्व बढ़ाने की समस्या
ऐसे में बीजेपी के सामने अपने वायदों को पूरा करने के लिए आय बढ़ाना कठिन होगा। चर्चा है कि दिल्ली में राजस्व का कोई बड़ा स्रोत नहीं है। राजस्व बढ़ाने के लिए नए रास्ते तलाशने होंगे। केंद्र और राज्य दोनों जगह एक ही सरकार है। ऐसे में स्पेशल पैकेज के तहत दिल्ली सरकार को सहायता मिलेगी तो ही बात बनेगी।
दावे और वादे गले की हड्डी बनेंगी
महिलाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह देने का वादा को पूरा करने के लिए करीब 11 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। आम आदमी पार्टी की गणना को ही मान लें तो 38 लाख महिलाएं इसकी पात्र है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में करीब साढ़े 24 लाख ऐसे बुजुर्ग हैं जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है। इन्हें ढाई से तीन हजार रुपए मासिक पेंशन का वादा किया गया है। इनकी मासिक पेंशन पर भी 4,100 करोड़
रुपए के खर्च का अनुमान है।
फ्री बिजली पानी और अन्य योजनाओं का सिरदर्द
इसके साथ ही फ्री बिजली और पानी योजना को जारी रखने के लिए भी करीब 11 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। 500 रुपए में गैस सिलेंडर और होली और दीवाली पर इसे फ्री देने की पेशकश भी सरकार का बजट बढ़ाएंगी।
आटो और ई रिक्शा चालकों से किये गये वादों का क्या!
आटो, टैक्सी और ई रिक्शा चालकों सहित गिग वर्कर्स को 10 लाख रुपए का जीवन बीमा और 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा भी बजट पर बोझ बनेगा. झुग्गियों की अटल कैंटीन में 5 रुपए में भोजन दिया जाएगा। वित्तीय बोझ तो है लेकिन केंद्रशासित प्रदेश होने कारण केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है. बीजेपी राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में इस तरह की योजना चला रही है। ऐसे में कोई बड़ी वित्तीय दिक्कत नहीं दिखाई देती। दोंनों जगह उन्हीं की सरकार है तो वित्त का मसला सुलझ जाएगा। आम आदमी पार्टी ने फ्री बिजली का दायरा भी घटाया है तो उतनी समस्या नहीं है।
पत्रकार आनंद मणि त्रिपाठी
साभार बीबीसी

 

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