तिरुवनंतपुरम
केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट और कांग्रेस पार्टी तमाम राजनीतिक विरोधों को किनारे रखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के एक फैसले के खिलाफ हो गई हैं। यह मामला है केरल के त्रिवेंद्रम इंटरनैशनल एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपे जाने का। हालांकि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपने ही संगठन के प्रति बगावती तेवर दिखाते हुए केंद्र सरकार के इस फैसले पर सहमति जताई है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप को लीज पर दिए जाने के फैसले के खिलाफ ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। कांग्रेस नेतृत्व वाले UDF और लेफ्ट के LDF के नेता गुरुवार को इस बैठक में शामिल हुए। हालांकि तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने बैठक से दूरी बनाए रखी।
केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट और कांग्रेस पार्टी तमाम राजनीतिक विरोधों को किनारे रखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के एक फैसले के खिलाफ हो गई हैं। यह मामला है केरल के त्रिवेंद्रम इंटरनैशनल एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपे जाने का। हालांकि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपने ही संगठन के प्रति बगावती तेवर दिखाते हुए केंद्र सरकार के इस फैसले पर सहमति जताई है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप को लीज पर दिए जाने के फैसले के खिलाफ ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। कांग्रेस नेतृत्व वाले UDF और लेफ्ट के LDF के नेता गुरुवार को इस बैठक में शामिल हुए। हालांकि तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने बैठक से दूरी बनाए रखी।
शशि थरूर ने ट्विट कर कहा, ‘तिरुवनंतपुरम के इतिहास, यहां की क्षमता और स्टेटस को देखते हुए स्थानीय लोग फर्स्ट क्लास एयरपोर्ट के हकदार हैं। इस संबंध में में फैसला लेने में देरी हुई।’ साथ ही थरूर ने यह भी कहा कि वह ऐसे नेता नहीं हैं जो वोटर्स से कुछ और कहें, फिर राजनीतिक सुविधा के हिसाब से कुछ और बात करें।
गौरतलब है कि बुधावर को पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में विनिवेश की राह पर आगे बढ़ते हुए सरकार ने देश के 3 एयरपोर्ट्स को 50 सालों के लिए निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। इनमें जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर देने का फैसला लिया गया है। अब केरल सरकार इसका विरोध कर रही है।







