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अगर विश्व में कहीं भी झूठ बोलने की प्रतियोगिता होती तो सारे पुरस्कार भारत की झोली में ही आते। भाजपा के सिरमौर मोदी जी और उनकी टीम सवौच्च पुरस्कार जीत कर लाती। केन्द्र व भाजपा शासित प्रदेश सरकारें सिर्फ विज्ञापनों के जरिये ही रामराज्य का डंका बजा रहीे हैं। कोरोना काल में देश मरघट में बदल गया लेकिन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी ने कह दिया कि आक्सीजन की कमी से कोई मौत ही नहीं हुई। बबाद में केन्द्र सरकार ने यह कहा कि प्रदेश सरकारों ने कोई आंकड़े केन्द्र को नहीं भेजे।
यूपी में हालात इतने बुरे थे कि श्मशान घाट पर मुर्दों को जलाने की जगह नहीं थी। शव जलाने के लिये आठ आठ घंटे बाद का वक्त लग रहा था। मुर्दोंं को जलाने के लिये लकड़ी भी मुहैया नहीं कर पा रही थी योगी सरकार। कोरोना रोगी के लिये नतो इलाज के लिये दवा थी और न ही अस्पतालों में बेड। यहां तक कि योगी सरकार में मंत्री रहे चेतन चौहान इलाज के अभाव में न बचाये जा सके। ऐसे कई लोग जो धन संपन्न होने के बाद भी कोरोना के शिकार हो गये। लखनऊ के विधायक सुरेश श्रीवास्तव भी कोराना काल में जान न बचा सके। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और भाजपा सांसद ने भी प्रदेश में फैली अव्यवस्था की शिकायत मुख्यमंत्री योगी से की थी। इन लोगों को कहना था कि अस्पतालों में कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। डाक्टर किसी की भी नहीें सुनते हैं। सीएमओ रैंक के अफसर विधायक सांसदों के फोन नहीं उठाते। जब ये हाल है कि सांसद और विधायकों के फोन अधिकारी नहीं उठाते तो आम आदमी के क्या हाल होगा इस बात का अंदाल लगाया जा सकता है। गंगा नदी में शव उतराते नजर आते थे। लेकिन प्रदेश सरकार और केन्द्र ने हमेशा यही कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के हालात बहुत सामान्य रहे। कोरोना काल में सरकार ने सफलता पूर्वक हालात पर नियंत्रण किया। मोदी योगी की तारीफ करते नहीं चूकते वहीं योगी मोदी की शान में कसीदे पढ़ते रहते हैं। तीन माह बाद यूपी समेत पांच प्रदेशों में चुनाव होने हैं। योगी नके विधानसभा में कहा कि चुनाव में विपक्षियों ं को सबक मिल जायेगा। वहीं विपक्ष ने भी ताल ठोकते हुए कह दिया कि योगी को चुनाव में जनता सबक सिखा देगी।