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दिल्ली में विधानसभा चुनाव की धूमधाम मच गयी है। जनता से जुड़े मुद्दों को छोड कर एक दूसरे पर कीचड़ उछाली जा रही है। भाजपा आम आदमी पार्टी सरकार पर दिल्ली शराब घोटाले, स्कूल रूम घोटाला और सीएम आवास घोटाले पर घेर रही है तो आम आदमी पार्टी पीएम आवास को राजमहल के नाम पर घेर रही है। आप भाजपा पर यह आरोप लगा रही है कि पिछले दस सालों में देश को आर्थिक घोटालों में डुबा दिया है।
देश को सांप्रदायिक दंगों के भेट चढ़ा दिया गया है। देश में नफरती और जहरीला माहोल बना दिया गया है। देश के उद्योग धंघे बंद होते जा रहे हैं। सरकार अपने खास उद्योगपतियों को उद्योग धंधों को औने पौने दामों में थमाती जा रही है। यह अनुमान लग रहा है कि सीधा मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच है।
कांग्रेस का आधार शीला दीक्षित का कार्यकाल
कांग्रेस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास कर रही है। चुनावी प्रचार में राहुल गांधी से लेकर सभी कांग्रेसी नेता आम आदमी पार्टी को निशाने पर रख रहे हैं। जबकि असलियत यह है कि दिल्लीवासियों को केवल अरविंद केजरीवाल सरकार में काफी राहत मिली है। कांग्रेस केवल शीला दीक्षित के कार्यकाल को आधार मानकर दिल्ली में सत्ता पाना चाहती है। लेकिन उस समय में विकास तो हुआ लेकिन जनता को कोई राहत नहीं थी।

बिजली पानी और महंगी शिक्षा व मेडिकल सर्विसेज के कारण गरीबों की कमर टूट गयी थी। आप सरकार में गरीब जतना को इसमें काफी राहत मिली। यही वर्ग समुदाय आम आदमी पार्टी का जनाधार और वोट है। जो कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाती रही है वही आज महिलाओं को प्यारी बहना योजना के तहत 25 सौ रुपये हर माह देने की गारंटी दे रही है। बेरोजगारों युवाओं को 8 हजार पांच रुपये प्रतिमाह देने की बात कर रही है। महिलाओं को फ्री बस सेवा देने की योजना भी बना रही है। कर्नाटक में भी कांग्रेस सरकार ने ऐसा ही किया है। भाजपा आप सरकार पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाती रही है वही मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में लाडली बहना के नाम पर महिलाओं को हर माह राशि दे कर ही चुनाव जीत सकी है।
आप को बीजेपी और कांग्रेस ने चौतरफा घेरा
दिल्ली विधान सभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की भाजपा और कांग्रेस ने घेरने को प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और संदीप दीक्षित को खड़ा किया है। दोनों के चुनाव में उतरने से अरविंद केजरीवाल की जीत मुश्किल हो रही है लेकिन ये दोनों ही उम्मीदवार हारने वाले है। ऐसा सर्वे बता रहे हैं लेकिन मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। इसी तरह सीएम आतिशी के सामने कांग्रेस ने अल्का लांबा को और भाजपा ने पूर्व सांसद रमेश विधूड़ी को उतारा है। यहां भी आतिशी की जीत तय है चुनाव केवल खानापूरी के लिये लड़ा जा रहा है। भाजपा ने दिल्ली फतेह करने के लिये दिग्गज नेताओं को उतार दिया है। यानि जिन दिग्गज को उतार दिया है। पूर्व मंत्री मीनाक्षी लेखी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, डा हर्षवर्धन का नाम भी उम्मीदवारी की लिस्ट में है। आरती मेहरा, शिखा राय और दूसरी पार्टियों से भाजपा में आये नेताओं को भाजपा ने चुनाव में उतार दिया है। इससे भाजपा के पुराने और वरिष्ठ नेताओं ने बागी सुर दिखा दिये हैं। ये समय ही बतायेगा कि भाजपा बागी लोगों को कितना फुसला पायेगी।