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Why congress is sinking in politics-क्या राहुल कांग्रेेस को बचा पायेंगे!

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Why congress is sinking in politics-क्या राहुल कांग्रेेस को बचा पायेंगे!

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देश में कांग्रेस का वजूद खतरे में!
राहुल गांधी आजकल कांग्रस को जिंदा करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। उन्होंने गुजरात दौरे में उन्होंने खुले मन से यह स्वीकार किया कि हमें गुजरातवासियों से सरकार बनाने की बात करना ही नहीं चाहिये। क्यों कि गुजरात कांग्रेस जनता के मिजाज को समझने में पूरी तरह फेल हुई है। लगभग 30 सालों से गुजरात में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है।

Rahul Vs Modi
Congres shoul think about frontal organistion and root level workers

पार्टी ऐसे नेताओं के भरोसे है जो जनता के बीच न रह कर उससे दूरी बनाये रहते हैं। उन्हें जनता के हित या समस्या से कोई सरोकार नहीं रहता है। हमें यह बात समझनी है कि जब तक कांग्रेस नेता जनता को विश्वास दिलाने में सफल नहीं होंगे तब तक जनता ​कांग्रेस पर विश्वास करने वाली नहीं है। अगर कांग्रेस को जनता में अपना विश्वास कायम रखना है तो पार्टी को कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। हमें उन नेताओं को तलाशना होगा जो पार्टी के अंदर रह कर भाजपा के लिये काम करते हैं। ऐसे लोग पार्टी के नेता और पदाधिकारी है लेकिन अंदर रह कर भाजपा को मजबूत करते हैं। ऐसे लोगो को पार्टी से बाहर कर पार्टी को मजबूत बनाना होगा। हमें पार्टी हित में ऐसे लोगों को पहचान कर बाहर का रास्ता दिखाना है। पार्टी में दो प्रकार के लोग हैं कुछ सच्चे कांग्रेसी हैं तो कुछ केवल दिखावा करने वाले नेता हैं।
आरएसएस और भाजपा से कैसे निपटेगी कांग्रेस
भारत की राजनीति में कांग्रेस टिमटिमा रही है। ये वही कांग्रेस है जो देश में कई दशकों तक बेखटके राज करती रही है। आजादी के बाद चार 6 दशकों तक देश पर कांग्रेस का शासन रहा है। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व को लगा कि अब उसके मुकाबले कोई पार्टी खड़ी ही नहीं हो सकती है। लेकिन आज के समय में कांग्रेस हाशिये पर आ गयी है। इसमें काफी हद तक कांग्रेस नेताओं की लापरवाही और उदासीनता रही है। पिछले 11 सालों में कांग्रेस मुख्यधारा से भटकती दिखी है।

Rahul with Kapil and Azad-078520bc
Sr. Congress leader are blaming on party leadership after Bihar election

जब से देश की कमान नरेंद्र मोदी ने संभाली है तब से कांग्रेस की हालत और भी खस्ता होती गयी है। भाजपा और आरएसएस ने कांग्रेस के खिलाफ ऐसी रणनीति और साजिशें रची कि जनता विपक्षी दलों को देश का दुश्मन मानने लगे हैं। इतना ही नहीं सत्ताधारी दल और सरकार ने मीडिया की मदद से अपने को देश और पीएम को सर्वाधिकारी बना लिया है। इसके अलावा मोदी शाह और सरकार ने देश की स्वायत्तशासी संस्थाओं पर भी एकाधिकार कर लिया है। जाचं एजेंसियों समेत चुनाव आयोग को भी सत्ता का हिस्सा बना लिया है। इन सभी संस्थानों पर अपनी पसंद के अफसरों को बैठाया गया है जिससे देश पर कब्जा बना रहे है। पिछले एक दशक में जितने भी चुनाव हुए हैं। उन सभी में कुछ जगहों को छोड़ कर भाजपा की जीत हुई है।
कांग्रेस को मौकापरस्तों से निपटना होगा
2024 के आम चुनाव की करीब कांग्रेस के बहुत सारे विभीषणों ने कांग्रेस को चोट पहुंचाने की मंशा से पार्टी छोड़ दी। बहुत सारे नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गये। कांग्रेस छोड़ने वालों में पूर्व कन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया,आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद, पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह व उनकी सांसद पत्नी, प्रदेश कांग्रेस चीफ सुनील जाखड़, गुलाम नबी आजाद, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण, मिलिंद देवरा समेत काफी बड़े नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी। ये वो लोग हैं जिन्होंने कांग्रेस सरकार में जमकर मौज मारी और मलाई काटी। लेकिन जब पार्टी मुसीबत में दिखी तो पार्टी नेतृत्व पर उंगलियां उठा कर भाग गये। लेकिन लगता है कि कांग्रेस को यह समझना होगा कि अब मौकापरस्त नेताओं की मौज के दिन खत्म हो गये हैं। कांग्रेस में एक बड़े आपरेशन की जरूरत है। राहुल गांधी ने गुजरात दौरे में साफ कर दिया कि पार्टी हित में सख्त कदम उठाने की जरूरत है। कर्मठ और ईमानदार कार्यकार्ताओं को जिम्मदारी दी जायेगी।
आपरेशन की शुरुआत कहां से करेगी कांग्रेस
पिछले दस सालों में भाजपा का विजयरथ जारी है। हिन्दी भाषी प्रदेशों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान,उत्तर प्रदेश, गुजरात,पंजाब, ओडीशा, महाराष्ट्र और अन्य जगहों से कांग्रेस नदारद हो गयी है। 2023 में कांग्रेस की राज्स्थान और छतीसगढ़ में सरकारें गिर गयी वहां भाजपा की सरकारे बन गयीं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी के नेताओ पार्टी के भीतर रह कर भाजपा का समर्थन किया। इससे कांग्रेस कमजोर होती चली गयी। ऐसा ही कुछ हाल महाराष्ट्र में हुआ जहां कांग्रेस के दिग्ग्ज नेता भाजपा मे शामिल हो गये। राहुल गांधी ने मंच से कहा कि बहुत सारे ऋकांग्रेसी नेताओं को भाजपा ने जांच एजेंसियों का डर दिखा कर पार्टी ज्वाइन करने पर मजबूर किया है। राहुल गांधी को यह फैसला करना होगा कि किस प्रदेश से कांग्रेस का शुद्धिकरण की शुरुआत की जाये।

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