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पूरे देश में एक ही चर्चा चल रही है कि फ्राड और आपराधिक रिकार्ड वाले व्यक्ति गुजरातवासी किरण पटेल को जेड प्लस सुरक्षा कैसे और क्यों दी गयी है। किरण पटेल जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील प्रदेश में पीएमओ का फर्जी अफसर बन कर काफी समय से अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था और केन्द्र व प्रदेश के खुफिया तंत्र को पता ही नहीं था। इस बात से जाहिर होता है कि जम्मू कश्मीर और केनद्रीय जांच एजेसियों को भनक तक नहीं लगी। सुरक्षा में इस हद तक लापरवाही को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। जम्मू कश्मीर तो वैसे ही काफी संवेदशनशील प्रदेश है जहां पड़ोसी देशों से आतंकी गतिविधियां होती रहती है। मोदी सरकार और गृहमंत्री अमित शाह को इस बात पर जवाब देना होगा कि सुरक्षा देने के मामले में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी। देश में मात्र चार दर्जन लोगों को ही जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गयी है उसमें किरण पटेल को किस वजह से जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी है। इस सब मसले पर किरण पटेल के वकील रेहान गौहर कहा कहना है कि यह सब राजनीतिक षणयंत्र हैं उनके पीछे राजीतिक लोगों ने बदला निकालने की वजह से दुष्प्रचार किया है।
फेक पीएमओ मामले पर कांग्रेस सरकार पर हमलावर
किरण पटेल और उसकी पत्नी मालिनी पटेल की बहुत सारी फोटो सोशल मीडिया पर पब्लिश हो रही हैं राजनीतिक दल सरकार और भाजपा से सवाल कर घेरने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेसवार्ता कर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से सवाल किया कि वो बतायें कि किस आधार पर सरकार ने आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को जेड प्लस सुरक्षा मुहैया करायी है। किरण पटेल के पास पीएमओ का आई कार्ड किसने बनाया। वह काफी समय से प्रधानमंत्री कार्यालय का एडिशनल निदेशक बना घूम रहा था उसकी सूचना सरकार के ख्ुाफिया तंत्र को क्यों नहीं लगी। सीआरपीएफ व स्थानीय पुलिस बल किसके आदेश पर किरण पटेल की सुरक्षा कर रहे थे।
कैसे फर्जी पीएमओ का हुआ खुलासा
किरण पटेल काफी समय से फर्जी पीएमओ डाइरेक्टर बन कर लोगों को गुमराह कर रहा था। इससे पहले भी वो उत्तराखंड में पीएमओ का फीर्जी निदेशक बन कर सरकारी अफसरों और बिजनेसमैनों को धमका चुका है। 3 मार्च को जम्मू कश्मीर की पुलिस ने उसे समय गिरफ्तार गिरफ्तार किया जब वो सरकारी सरकारी विभाग का निरीक्षण कर रहा था। वो पुलिस अफसरों के सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे सका। उसने बताया कि वो वहां सेब के बागानों की खरीद फरोख्त के सिलसिले में आया है। ये बात अफसरों को हजम नहीं हुई कि पीएमओ का अफसर जम्मू कश्मीर में खुद सेब के बागों की खरीदारी के लिये। मामला खुलते ही किरण पटेल को उसके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफतार साथियों में अमित पांडया और त्रिलोक भी थे। उस समय अमित और त्रिलोक को पुलिस ने छोड़ दिया। लेकिन बीस दिनों के बाद उन दोनों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
किरण पटेल की इस ठगी का खुलासा उसके एक ट्वीट ने कर दिया। उसने सोशल मीडिया पर जम्मू कश्मीर के एक दौरे का वीडियो अपलोड कर दिया तभी से लोगों की निगाहों में वो चढ़ गया। उसका वो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद ही जम्मू कश्मीर की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां ऐक्टिव हो गयी और पुलिस ने उसे धर दबोचा।
कौन है किरण पटेल
बताया जाता है कि अहमदाबाद का रहने वाला किरण पटेल ने विदेशी यूनिवर्सिटी से डाक्टरेट और एमबीए डिग्री ली है। यह भी सुना जाता है कि वो सत्ता के दलाल के रूप में भी जाना जाता है। बीजेपी के साथ उसका उस समय से जुड़ाव है जब पीएम मोदी गंुजरात के सीएम होते थे। उसकी और उसकी पत्नी का बीजेपी के बड़े नेताओं और मंत्रियों से काफी मेलजोल था। उसने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और अमित शाह के साथ काफी फोटो डाल रखी हैं। इस पर फ्राड और आपराधिक मामले भी चल रहे हैं लेकिन सरकार और बीजेपी के रसूख के कारण उसके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया जाता है। गुजरात बीजेपी महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला किरण पटेल को फौलो करते हैं इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पटेल की जड़ें बीजेपी में कितनी गहरी थीं। अमित पांडया के पिता मुख्यमंत्री कार्यालय में अच्छे ओहदे पर थे। यह भी किरण पटेल के लिये मजबूत कड़ी माना जा सकता है। त्रिलोक भी भाजपा नेता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि किरण पटेल के पीछे मोदी सरकार और बड़े बीजेपी नेताओं का हाथ है।