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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले के प्रचीर से अपने भाषण में यह कहा कि नारियों का सम्मान और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये। नारियां आज हर क्षेत्र में अपनी कला और प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है। इसी तरह पहले भी चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने नारा दिया था कि बेटी पढ़ाओ बेटी बेटी बचाओ। आज उसी पार्टी की एक महिला नेता ने ऐसी वहशियाना हरकत कि जिससे पूरी स्त्री समाज कलंकित हो गया है।
आमतौर पर यह कहा जाता है कि औरत दया की मूरत होती है ममता की देवी होती है। उसे भगवान के समान पूजने की बात पुराणों में कही गयी है। उसे देवी का दर्ज दिया जाता है। भारत मे ंतो स्त्री को सबसे अधिक सम्मान देने की बात कही जाती है। लेकिन कभी कभी कोई महिला ऐसे कांड कर डालती हैं जिससे पूराी महिला समाज कलंकित हो जाता है। ऐसा ही एक कांड झारखंड में देखने कोे मिला है। जिसमे एक पढ़ी लिखी समझदार महिला ने घर में काम कर रही आदिवासी महिला के साथ जो दरिंदगी और हैवानियत का नंगा खेल खेला है उसे किसी भ सूरत में माफ नहीं किया जा सकता है। किसी तरह आदिवासी महिला की जान को बचाया जा सका। सीमा पात्रा का बेटा समय पर नहीं आता तो उस महिला की जान बचना असंभव था। ये बात शोध का विषय है आखिर कार बीजेपी महिला नेता को अपनी आदिवासी नौकरानी से इतनी नफरत क्यों हुई कि उसने उसके दांत तोड़ डाले उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। उसे मुंह से यूरिन और पौटी साफ करने पर मजबूर क्यों करती थी। क्या सीमा मानसिक रोगी है इस बात की जानकारी अब पुलिस की जांच मंे पता चलेगी। आपको जानकर हैरानी होगी सीमा पात्रा एक रिटायर्ड सीनियर आईएएस महेश्वर पात्रा की पत्नी है। शायद यही वजह रही कि वो सुनीता के साथ इतनी बेरहमी से पेश आयी। फिलहाल भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेड कर दिया है और सीमा को जेल भेज दिया गया है। सीमा के बेटे आयुष्मान ने ही अपनी मां के अत्याचार और दरिंदगी की बात अपने दोस्त आनंद से बतायी। आनंद ने ही पुलिस को इस मामले की जानकारी दी। लेकिन इसके बाद भी कोर्ट में सीमा अपने आप को बेकसूर बताती रही कि उसे फंसाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की नेता सीमा पात्रा ने आदिवासी महिला को पिछले आठ साल से घर पर कैद कर रखा था। उसके साथ अक्सर मारपीट और गाली गलौज करती थी। खाना पीना सब बंद कर देती थी। चमड़े की बेल्ट से बुरी तरह पीटती थी। लेकिन पिछले माह तो सीमा ने हैवानियत की सभी हदें पार कर दीं। सुनीता को उसने चमड़े की बेल्ट से पीटने के अलावा लोहे की सरिया से बुरी तरह पीटा जिससे उसके कई दांत टूट गये। मुंह से फर्श की गंदगी साफ करने को मजबूर किया। झारखंड के राज्यपाल रमेश बेंस ने रिम्स जा कर उस आदिवासी महिला सुनीता का हाल चाल लिया और अस्पताल प्रशासन को आदेश दिया कि इलाज में किसी भी की लापरवाही नहीं होनी चाहिये। सीएम हेमंत सोरेन ने भी इस मामले में प्रशासन को किसी भी प्रकार की लापरवाही न होने का आदेश दिया है।