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वहशी दरिंदा और राजनीतिक शातिराना अंदाज
आपको जानकर हैरानी होगी कि एक सांसद नेता ने दो सौ से अधिक औरतों के साथ यौन हिंसा कर उनके अश्लील वीडियो बनाये और उन्हें ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया। इस बात का पता चलते ही पूरे देश में हड़कंप मच गया है। इससे भी ज्यादा अहम् बात यह है कि इतनी बड़ी खबर मेन स्ट्रीम मीडिया ने गायब ही कर दिया। किसी टीवी चैनल पर कोई मुद्दा नही बना। न उस पर कोई डिबेट हुई। इस बात से जनता को समझना चाहिये कि आज का मेन स्ट्रीम मीडिया जनता को जागरूक करने के बजाये उसे अन्य फालतू के मामलों में उलझाने का काम कर रहा है। कुछ यूट्यूबर्स ने इस मुद्दे को जमकर उछाला। लेकिन न तो राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस पर कोई बयान दिया है और न ही मोदी सरकार के महिला कल्याण मंत्रालय की ओर से इस जघन्य अपराध पर कोई प्रतिक्रिया आयी है। इतना ही अपराधी नेता कर्नाटक के हासन संसदीय क्षेत्र से एनडीए व जेडीएस के संसदीय क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा है। दिलचस्प बात यह है कि इसी उम्मीदवार के लिये 14 अप्रैल को पीएम मोदी ने सभा कर जनता से वोट मांगे थे। लोगों के बीच प्रज्जवल की शान में कसीद पढ़े थे।
कांग्रेस का आरोप है कि जब दागी नेता के बारे में जेडीएस और भाजपा को मालूम था तो उसे एनडीए का उम्मीदवार क्यों बनाया गया है। इससे जाहिर होता है कि भाजपा और जेडीएस महिलाओं के उत्पीड़न करने वाले के साथ खड़े हैं। वैसे भी इतिहास गवाह है कि मोदी शाह व भाजपा ने दागी नेताओं का ही साथ दिया है,उदाहरण के तौर पर बिलकीस बानो गैंगरेप केस, कठुआ का नाबालिग गुड़िया रेप व मर्डर केस, उत्तराखंड का अंकिता भंडारी रेप हत्याकांड, हाथरस दलित युवती रेप व मर्डर केस, उन्नाव गैंगरेप व मर्डर केस, मिर्जापुर बीजेपी एलएलए रेप केस में जेल गया। इस विधायक को भाजपा ने उस समय चुनाव टिकट दिया जब पर रेप केस चल रहा था।
राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर
जब से प्रज्जवल रेवन्ना देश से फरार हुआ है तब से कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर गेम ब्लेम कर रही हैं। दोनों ही एक दूसरे के नेताओं को लेकर आपस में आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। दरअसर हर दल में दागी नेता हैं जो कि अपने क्षेत्र में येण केन प्रकारेण जीत जाते हैं। दलों को ऐसे नेताओं की जरूरत होती है। ये लोग धन बली के साथ बाहुबली होते हैं। ऐसे में राजनीतिक दल महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के मुद्दे पर बयानबाजी तो बहुत करते हैं लेकिन सही मायने में कोई नीति नहीं बनाते हैं सभी दल ऐसे दागी नेताओं को राजनीति में बनाये रखने को तैयार रहते है। इनको महिलाओं के सम्मान और आबरू की कोई चिंता रहती है ये बातें सिर्फ भाषणों में ही सीमित रहती हैं।
नौकरानियों समेत पार्टी वर्कर्स को बनाया शिकार
सबसे दिलचस्प बात वो नीच नेता पूर्व पीएम एचडी दैवेगौड़ा का पोता है। उसके हजारों अश्लील सीडी हासन व आसपास वायरल हो रही हैं। जिनमे सांसद प्रज्जवल रेवन्ना अनेक औरतों के साथ जबरन यौन संबंध बनाता दिख रहा है। पता चाल रहा है कि आरोपी ने अपने घर में काम करने वाली नौकरानियों समेत पार्टी की महिला नेताओं को भी अपनी हवस का शिकार बनाया है। हाल ही में एक महिला ने पुलिस में अपने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करायी है। यह भी बताया कि यौन उत्पीड़न का वीडियो बना कर उनका लगातार बलात्कार किया जा रहा हैं। 28 अप्रैल को जेडीएस सांसद प्रज्जवल रेवन्ना और उसके पिता पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना देश फरार हो गये हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ जाचं के लिये एसआईटी गठित की है। पुलिस ने जेडीएस सांसद और उसके पिता दोनों के खिलाफ यौन शोषण के मामले दर्ज किये हैं। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर आरोपियों को भगाने का आरोप लगा रहे हैं।
बाहुबली सांसद की करतूत जगजाहिर थी
मालूम हो कि कर्नाटक के हासन संसदीय क्षेत्र के सांसद प्रज्जवल रेवन्ना 2019 में हासन से जेडीएस के टिकट पर सांसद चुने गये थे। यहां से पूर्व पीएम दैवेगौड़ा चुनाव जीतते रहे हैं। उन्होंने पिछली बार अपने पोते प्रज्जवल के लिये सीट छोड़ी थी। इस बार भी एनडीए ने प्रज्जवल को संयुक्त उम्मीदवार बनाया था। जेडीएस सांसद रेवन्ना की दरिंदगी की बात पहले भी चर्चा में थी लेकिन सत्ता चाह में जेडीएस ने अपने सांसद पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। यहां तक कि कर्नाटक बीजेपी भी प्रज्जवल के यौन हिसंक प्रवृत्ति के बारे में जानती थी। पिछले साल दिसंबर में बीजेपी नेता देवराज गौड़ा केन्द्रीय व प्रदेश नेतृत्व को इस गंभीर मामले से अवगत कराया था। जानकारी होने के बाद भी मोदी शाह और नड्डा ने प्रज्जवल को विरोध के बावजूद उम्मीदवार बनाया। दैवेगौड़ा ने मोदी को आश्वस्त किया था कि उनका पोता निश्चित रूप से जीत जायेगा।
राजनीतिक साजिश की चर्चा
ये भी चर्चा चल रही है कि प्रज्जवल रेवन्ना के वीडियो व सीडी का वायरल होना साजिश की ओर इशारा है। ठीक चुनाव के मतदान के आसपास इसका खुलासा होना इस बात का अंदेशा है कि किसी ने साजिश के तहत ठीक मतदान के पहले सेक्स सीडियों का वितरण किया है। लेकिन ये बात तो साफ है कि जेडीएस सांसद प्रज्जवल यौन उत्पीड़न का आरोपी दोषी है दूसरी बात यह है कि उसके बाद ही एचडी रेवन्ना और प्रज्जवल दोनों ही देश छोड़ कर फरार हो गये है। देश से फरार होने में प्रदेश व मोदी सरकार दोनों ही जिम्मेदार हैं। जब किसी राजनेता के खिलाफ एसआईटी गठित थी तो उसे देश न छोड़ने का आदेश क्यों नहीं दिया गया। पुलिस द्वारा पासपोर्ट विभाग को संबंधित आरोपी के बारे में निर्देश क्यों नहीं दिये गये। केन्द्र सरकार को जब रेवन्ना के बारे में सबकुछ मालूम था तो वो एयरपोर्ट पर क्यों नहीं रोका गया। दोनों ही सरकारों की लापरवाही के कारण एक दुर्दांत दरिंदा देश से भागने में कामयाब हो गया है।