CM & Maha Govt. got notice from Bombay High court
CM & Maha Govt. got notice fronm Bombay High court

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CM Eknath Shinde feeling heat through Bombay High Court in govt. plots sale.
CM Eknath Shinde feeling heat through Bombay High Court in govt. plots sale.

लगभग छह माह पूर्व महाराष्ट्र में बनी शिंदे फडणवीस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है।सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ भ्रष्टाचार की आवाज बुलंद होने लगी है। इस बार शिंदे पर बाम्बे हाईकोर्ट ने कमर कस ली है। भाजपा वैसे तो शिंदे के साथ खड़े होने का दावा कर रही है लेकिन अंदर ही अंदर शिंदे गुट को किनारे लगाने की बात भी सोच रही है। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में मीडिया के द्वारा उठाये गये भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए यह महाराष्ट्र सरकार व सीएम को नोटिस सर्व कर यह पूछा ​है कि जब मामला न्यायालय में लंबित था तो अर्बन डेवलप मिनिस्टर ने नागपुर के उन 18 प्लाट्स की बिक्री कैसे कर दी जबकि वो जमीन गरीबों को लिये आवंटित की जानी थीं। यह जमीन महाराष्ट्र सरकार का ही ट्रस्ट है जिसके मंत्री आज के सीएम एकनाथ शिंदे थे। यह मामला तब का है जब पिछली सरकार में वो शहरी विकास मंत्री थे। महाराष्ट्र और दिल्ली दरबार में यह मामला काफी गरमा गया है। केन्द्रीय नेतृत्व गहरी चिंता में पड़ा है कि महाराष्ट्र की सरकार और मुख्यमंत्री को कैसे हैंडिल किया जाये। वैसे भी महाराष्ट्र और कर्णाटक के बीच सीमा विवाद गहरा गया है। पीएम मोदी कर्नाटक गये भी थे उन्होंने सीएम बोम्मई के कंधे पर हाथ रख कर यह इशारो किया कि वो उनके साथ खड़े हैं।

ऐसा कोई सगा नहीं जिसको भाजपा ने ठगा नही

वैसे भाजपा के बारे में यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसको भाजपा ने ठगा नही। महाराष्ट्र में वो शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के नेतृत्व में भाजपा ने प्रवेश किया था। तब बाला साहब की भूमिका बिग ब्रदर की थी। लेकिन जैसे ही मोदी देश के पीएम बने भाजपा के तेवर बदल गये। 2019 के आम चुनाव के बाद भाजपा ने यह जान लिये कि यदि महाराष्ट्र में एक छत्र राज करना है तो उसे शिवसेना को ठिकाने लगाना होगा। उनका यह सपना 2022 में पूरा हो गया। 2019 के विधान सभा चुनाव शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर जीता था। लेकिन उनके बीच सीएम पद को लेकर विवाद हो गया। भाजपा सीएम का पद देवेंद्र फडणवीस को दिलवाना चाह रही थी लेकिन शिवसेना इस बात को लेकर अड़ गयी कि इस बार सीम शिवसेना का नेता ही बनेगा। इस बात को हवा शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ी जोरदा तरीके से मुद्दा बनाया। अंतिम में 25 साल पुराना शिवसेना और बीजेपी का समझौता टूट गया और शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी परिषद का गठन कर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। इस सरकार में उद्धव ठाकरे को पूरे काल का सीएम बनाया गया। लेकिन यह  बात भाजपा और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को फूटी आंख नहीं सुहा रही थी। वो मौके की फिराक में रह रहे थे। आखिर कार उनका सपना 2022 में पूरा हो गया।

मीडिया ने सीएम शिंदे के खिलाफ बिगुल बजाया

महाराष्ट्र में मीडिया ने अपने कर्तव्यों को निभाते हुए सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ बिगुल बजा दिया है। इस मामले से सरकार की काफी फजीहत हो रही है। महा बीजेपी इस मामले की लीपापोती में जुट गयी है। शिंदे को कवर करने के लिये डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ​शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे को निशाने पर लेने के लिये दिशा सालवान के केस को रिओपन करने का आदेश दिया है। दिशा एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की निजी सचिव थी। उसकी मौत भी सुशांत की मौत से एक सप्ताह पूर्व हुई थी। भाजपा इसे सुशांत की मौत से जोड़ कर देख रही है। दिलचस्प बात यह है दिशा के पिता ने यह साफ कर दिया था कि उनकी बेटी की मौत एक हादसा था। उन्होंने पुलिस में एक शिकायत दर्ज करायी थी कि केन्द्र सरकार का मंत्री नारायण राने और उनका बेटा नितीश राने उनकी बेटी की मौत पर बेवजह राजनीति कर रहे है। उनकी बेटी के नाम को बदनाम करने के लिये मनगढ़ंत कहानियां रच रहे हैं।

ठाकरे परिवार पर निशाना साधने की साजिश

डिप्टी सीएम फडणवीस ने सीएम शिंदे के खिलाफ न जाते हुए ठाकरे परिवार को निशाना बनाने के लिये दिशा आत्महत्याकांड को फिर से इंवेस्टीगेट कराने के लिये एक एसआईटी का गठन करने का आदेश दिया है। लोगों का मानना है कि यह सब शिंदे की तरफ से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है। इससे ठाकरे परिवार पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा सके। चर्चा है कि उद्धव ठाकर ने पीएम मोदी से इस मामले को लेकर सीधा संपर्क कर कहा कि यदि उनके परिवार को किसी भी मामले में घसीटने का प्रयास किया गया बीजेपी को भी उसी भाषा में जवाब  दिया जायेगा।

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