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पवार की पावर, एक हजार करोड़ की संपत्ति रिलीज
महाराष्ट्र में सरकार का गठन होते ही डिप्टी मिनिस्टर अजित पवार को ट्रिब्यूनल ने तोहफा दे दिया। आयकर विभाग ने 2021 में अजित पवार के परिवार की एक हजार करोड़ की प्रोपर्टी को अवैध करार देते हुए जब्त कर लिया था। इसमें अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और बेटे पार्थ पवार की संपत्ति शामिल थी। तब अजित पवार महाविकास अघाड़ी में उपमुख्यमंत्री थे। सरकार बनने के दो दिन बाद ट्रिब्यून की ओर से कहते हुए प्रॉपर्टी को रिलीज कर दिया कि उनके खिलाफ जांच में कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिला है। अजित पवार एकमात्र नेता हैं जिन्होंने उपमुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड कायम किया है। लगभग दो दशक से ज्यादा समय तक उप मुख्य पद रहे हैं। चर्चा है कि यह तोहफा इसलिये मिला है कि उन्होंने महायुति सरकार के सीएम पद पर सबसे पहले सहमति दी थी।
किसने कहा था अजित पवार हमारी सरकार में जेल जायेंगे
हैरानी के बात यह है 2019 के विधानसभा चुनाव में जो घोटाले का अभिुयुक्त था आज महायुति सरकार में उप मुख्यमंत्री कैसे बना दिया गया है। क्या भाजपा का समर्थन करने से घोटालेबाज अपराधमुक्त हो गया है। इससे से एक बात साफ हो गयी कि पीएम मोदी प्रचार के दौरान एनसीपी को नेशनल करप्ट पार्टी कहते थे। अजित पवार को घोटाले बाज कहने से चूकते नहीं थे। आज आयकर विभाग और ट्रिब्यूनल ने पीएम मोदी को बयान को झूठा साबित कर दिया।
पल्टी मारने में उस्ताद हैं अजित पवार
2019 में भी देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने का प्रयास किया था उस समय भी अजित पवार ने अपने चचा को धता बताते हुए अपने समर्थक विधायकों के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने का विफल प्रयास किया था। लेकिन वो सरकार दो तीन ही चल सकी कोर्ट के आदेश पर वो सरकार गिर गयी। तब महाविकास अघाड़ी जिसमे एनसीपी शिवसेना और कांग्रेस ने सरकार बनायी सीएम पद पर ऊद्धव ठाकरे को बैठाया गया। लेकिन 2021 में एक बार फिर महाविकास अघाड़ी की सरकार को भाजपा ने गिरवाया तो एकनाथ शिंदे के लिये बगावत पर मजबूर कर दिया। शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी राज्यों में चले गये। कुछ समय बाद इस बात का खुलासा हो गया कि इस साजिश के पीछे मोदी शाह के साथ देवेंद्र फडणवीस का हाथ था। इसके बाद शिवसेना के दो फाड़ हो गये। एक धड़ा शिंदे के साथ और दूसरा ऊद्धव ठाकरे के साथ।
विलेन से हीरो कैसे बन गये अजित पवार
एनसीपी को भी मोदी शाह ने साजिश रच कर तोड़ा।एक बार फिर अजित पवार ने अपने चचा को धोखा दिया और लगभग 40 विधायकों के साथ पार्टी को मंझधार में लटका दिया। शरद पवार जैसे घुटे हुए नेता को उनके भतीजे अजित पवार ने इतना तगड़ झटका दिया कि विधानसभा चुनाव में धूल चटा दी। आज यह कहावत सिद्ध हो गयी कि गुरु गुड़ रह गया चेला शक्कर हो गया। जब उद्धव सरकार गिरी आई विभाग सी बीडीटी ने 70 जगहों पर छापे मारे गये तो उनमें अजित पवार का भी नाम था। तब भाजपा अजित पवार पर सत्तर हजार करोड़ के चीनी मिल घोटाले और नलकूप घोटाले पर किताब निकाल कर घोटालेबाज बता रही थी। सीएम देवेंद्र फडणवीस चुनाव प्रचार के दौरान वो मंच से अजित पवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहते थे कि उनकी सरकार आयी तो अजित पवार जेल के अंदर चक्की पीसेंगे। दिलचस्प बात यह है कि वर्तमान महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम बन कर बैठे हैं। बगल में सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबियों में माने जा रहे है।