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देश की राजधानी दिल्ली में एक छह सौ साल पुरानी मस्जिद को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने सीआरपीएफ की मदद से ढहा दिया। इतना ही नहीं वहां चल रहे मदरसे को भी जमींदोज कर दिया गया। यह सब सिर्फ इसलिये किया गया क्यों कि यह समुदाय विशेष से संबंधित था।

After Allahabad High Court Administration buldogged mosque in UP
After Allahabad High Court Administration buldogged mosque in UP

यह पहला मौका नहीं है जब प्रशासनिक अमले ने किसी मस्जिद को ढाहाया है। जब से अयोध्या के राम मंदिर निर्माण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है सुनाया है तब से देश के विभिन्न इलाकों में समुदाय ​विशेष के धार्मिक स्थलों पर हिन्दू संगठनों और नेताओं ने अपना बता कर कब्जा करना शुरू कर दिया है। दिल्ली के महरौली स्थित मस्जिद को बिना किसी नोटिस के डीडीए ने सीआरपीएफ की मदद से ऐतिहासिक मस्जिद के साथ वहां के मदरसे को भी बुल्डोजर से तोड़ दिया इतना ही नहीं वहां पुरानी कब्रों को भी नहीं बख्शा गया।
रजिया सुलताना के समय की मस्जिद बहरुल उलूम
इतिहासकार और लेखक अशोक कुमार पांडे के अनुसार यह मस्जिद रजिया सुलताना के समय की है। इसका इतिहास के दृष्टि से काफी महत्व है। लेकिन देश के हालात जिस ​तरह के हो रहे हैं उससे साफ जाहिर हो रहा कि संप्रदाय विशेष के धार्मिक स्थलों को जानबूझ कर तोड़ा जा रहा है ताकि उन्हें प्रताडित किया जाये। बताया जा रहा है कि इस ​मस्जिद को अतिक्रमण के कारण ढहाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस मस्जिद को दिल्ली हाईकोर्ट ने स्मारकों की सू​ची में करने का आदेश दिया था। डीडीए के अफसरों का कहना है कि यह मस्जिद अतिक्रमण की गयी जमीन पर बनायी गयी थी। दिलचस्प बात यह है कि 600 साल पहले दिल्ली में अतिक्रमण नाम की कोई बात ही नहीं थी। दूसरी बात यह है कि यह मस्जिद दिल्ली के महरौली रोड से काफी अंदर जा कर बनी हुई है। वहां से किसी प्रकार का यातायात भी प्रभावित नहीे हो सकता था। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि इसे सिर्फ राजनीतिक द्वेश से गिराया गया है।
मुस्लिम धार्मिक स्थल तोड़ने की मुहिम
सत्ता एक समुदाय विशेष के खिलाफ मुहिम चला रही है। दुख की बात है कि किसी राजनीतिक दल ने इसके खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत नहीं समझी। जब से इस देश में एनडीए ने सत्ता संभाली है तभी से एक समुदाय विशेष के प्रति जहर घोेला जा रहा है। पूरे देश में मुस्लिम समुदाय के प्रति लोगों का रवैया बदल गया है। इससे पहले गांव मोहल्लों में आपसी भाईचारा बना रहता था। आज वहीं एक दूसरे में नफरत के बीज बोये जा रहे हैं। कुछ समय पहले काशी विश्वनाथ के पास ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वाराणसी में भी ​कुछ हिन्दू संगठनों ने प्रशासन से ये कह कर पूजा करने की अनुमति मांगी कि ये मस्जिद शंकर जी के मंदिर को तोड़ कर बनायी गयी है। इससे हिन्दुओं की आस्था जुड़ी है। इसको लेकर भी काफी मामला गरमाया। सुप्रीम कोट के आदेश पर कुछ दिनों तक मामला शांत रहा लेकिन वाराणसी के एक कोर्ट ने मस्जिद के एक हिस्से में पूजा करने का आदेश दे दिया। अब वहां हिन्दू समाज के लोग मूर्तियां रख कर पूजा करने लगी हैं। चूंकि उप्र में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार है। ऐसे में सब कुछ उनकी मंशा के अनुरूप किय जा रहा है। यह बात तो साफ है कि भाजपा राजनीतिक तौर पर हिन्दू मुस्लिम और मंदिर मस्जिद का फायदा उठाना है। अब ये मामला एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में जाने वाला है।

AIMIME MP Asaduddin Owaisi raised Mosque demoletion in Dehi strongly in Parliament session
AIMIME MP Asaduddin Owaisi raised Mosque demoletion in Dehi strongly in Parliament session

संसद में भी गूंजा मस्जिद गिराने का मामला
आईएआईएमए के सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने संसद के सत्र में महरौली स्थित मस्जिद बिना किसी नोटिस गिराने के मामले को उठाया। उन्होंने मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला किया। ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार में मुस्लिम समाज काफी डरा हुआ महसूस कर रहा है। यह देश धर्मनिरपेक्ष ​है यहां पर हर धर्म के लोग काफी समय से रह रहे हैं। देश की सरकार की जिम्मेदारी है कि वो हर धर्म के लोगों की धर्मिक राजनैतिक और सामाजिक न्याय दिलवाने की जिम्मेवारी केन्द्र सरकार की होती है।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश के अनेक हिस्सों में हिंसा
यूपी के अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। लेकिन उसके बाद से ही पूरे देश में अराजकता का माहौल बनाया गया। खासतौर से भाजपा शासित राज्यों में धर्म के नाम पर हुड़दंग कर लोगों को डराया धमकाया गया। कहीं कहीं धर्म विशेष के लोगों को मारापीटा गया और उनसे जय श्री राम के नारे लगवाये गये। अफसोस की बात यह है कि प्रशासन और पुलिस के सामने हुड़दंगी अराजकता फेलाते रहे और वो लोग मूकदर्शक बना रहा। इतना ही नहीं गुंडों ने मस्जिदों और गिरिजाघरों पर चढ़ कर जय श्रीराम और भगवा झण्डों को लगया और जय श्रीराम के नारे लगाये।

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