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मोदी की डिग्री सरकार के लिये बड़ी चुनौती!
पीएम मोदी की एमए की डिग्री को लेकर विपक्षी जिद पर अड़े हैं वहीं दूसरी ओर मोदी समर्थक और भाजपा किसी सूरत में डिग्री सार्वजनिक करने का विरोध कर रहे हैं। भाजपा औश्र समर्थकों पर यह आरोप विपक्षी लगा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल की वोटर पहचान पत्र को लेकर सीआईसी ने तुरंत केजरीवाल को जवाब तलब कर दिया था। इससे संस्थाओं का दोहरा चरित्र सामने आया है। सब लेागों का कहना है कि आखिर किस वजह से मोदी की डिग्री सार्वजनिक नहीं की जा रही है। जबकि आरटीआई में 1978 बैच के सभी बीए करने वालों की जानकारी मांगी गयी है। उस पर भी दिल्ली विवि कोई जानकारी नहीं दे रहा है। इसके पीछे उनका कोई तर्क संगत जवाब नहीं मिला है।
बस वो सिर्फ इस बात पर अड़ गये हैं कि पीएम मोदी कि बीए डिग्री नहीं दिखायी जायेगी। दिल्ली हाईकोर्ट में एसजी तुषार मेहता कहते हैं कि किसी की जिज्ञासा शांत करने के लिये यह ऐक्ट नहीं बना है। ऐसा करने से देशभर इस तरह की सूचनाओं को मांगने की बाढ़ आ जायेगी। ऐसे आरटीआई विभाग में काम करने वाले लोगों के लिये समस्या पैदा हो जायेगी। तुषार मेहता कोर्ट के सामने यह तर्क दे रहे हैं मोदी की डिग्री से आम आदमी को कोई लेना देना है। ये केवल पीएम मोदी के खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है जो भारत सरकार को अस्थिर करने लिये राजनीतिक दल एक जुट हो रहे हैं। वैसे एक बात है कि पीएम पद पर बैठे व्यक्ति को तो अपनी डिग्री इसलिये सार्वजनिक करनी चाहिये क्योंकि वो एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो डिग्री पर शक तो होता ही है।
गुजरात व दिल्ली विवि का रवैया विवादित
हैरानी की बात है कि दिल्ली विवि का का रवैया ऐसा गैरजिम्मेदाराना है कि लोग हंसी उड़ा रहे हैं। एक बात साफ है कि जिस विवि से पढ़ा व्यक्ति विशेष पद पर पहुंचता है तो यह बात एक उपलब्धि ओर सम्मान की बात होती है। लेकिन गुजरात व दिल्ली विवि इस बात पर अड़ा हुआ है कि वो पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक नही करेंगे। जबकि उनकी विवि से पड़ा हुआ व्यक्ति देश में तीन बार लगातार पीएम बना है। बल्कि ड्रिग्री सार्वजनिक करने की मांग करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कराया जा रहा है। सारा देश इस बात तो परेशान है कि हमारे देश के पीएम की डिग्री पर जब शक करा जा रह है तो नरेंद्र मोदी को आगे बढ़ कर अपनी डिग्री सार्वजनिक करना चाहिये। अगर ऐसा नहीं होता है तो पद की गरिमा पर सवाल उठता है। इससे न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में फजीहत हो सकती है। एक तरफ देश विश्व गुरु बन रहा है वहीं दूसरी ओर विश्वगुरु पीएम पर गंभीर आरोप लग रहे हैं।
काफी समय से पीएम मोदी की एमए की डिग्री को लेकर सवाल किये जा रहे हैं। दूसरी ओर सरकार और भाजपा उसे न दिखाने के लिये क्यों अड़ी हुई है। मार्कशीट या डिग्री दिखाने में ऐसी कौन सी सरकार गिरने जा रही है जो सरकार और पूरी मशीनरी उनकी डिग्री को लेकर प्रतिष्ठा का सवाल बना रही है।
डिग्री दिखाने से डर क्यों रहे पीएम मोदी
अगर नरेंद्र मोदी ने एमए किया है तो उसे दिखाने में क्या समस्या है। हो सकता है कि उनके नंबर कम आये हों। ये कोई बड़ी बात नहीं है। अब वो तीसरी बार पीएम बन चुके हैं। नंबर कम होने से उनका पीएम का पद संकट में नहीं आने वाला है। सबसे अहम् सवाल यह है कि क्या उन्होंने जो डिग्री दिखायी है क्या वो फर्जी है। डिग्री न दिखाने का यह सबसे बड़ा कारण हो सकता है। ऐसे में नरेंद्र मोदी खतरे में पड़ सकते हैं। क्यों कि चुनाव आयोग में उन्होंने जो एफिडकविट जमा किया है उसमें यह कहा है कि वो दिल्ली विवि से एमए पास हैं।अगर यह झूठ साबित होता है यह एक 420 का मामला बन सकता है। ऐसे में उनके ऊपर फर्जी डिग्री के बेस पर चुनाव आयोग को धोखा देने की बात है।