sanjay vs Devendra fadanvis
RSS supported Newspaper attack on Shivsena Supremo Udhav Thakrey and Sanjay Raut

नयी दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी पारा इस कदर चढ़ गया है कि चुनाव प्रचारके दौरान एक सुर में बोलने वाली बीजेपी और शिवसेना आज सत्ता पाने के लिये एक दूसरे पर कीचड़ उछालने से बाज नहीं आ रहे है। शिवसेना की ओर से राज्यसभा सांसद संजय राउत अपनी सरकार के लिये सबसे ज्यादा सक्रिय दिख् रहे है। उन्हीं के लेख, वक्तव्य और बाइट मीडिया में चलाये जा रहे है। राज्यपाल से मिलने उनके नेतृत्व में शिवसेना का प्रतिनिधि मंडल मिलने गया। इस वजह से बीजेपी और आरएसएस के निशाने पर सबसे ज्यादा संजय राउत ही है।

मुंबई के एक अखबार तरुण भारत में एक संपादकीय में लिखा एक लेख इधर चर्चा में आया है। यह अखबार संघ की विचारधारा से प्रेरित है। इस लेख में शिवसेना को निशाने पर रख कर लिखा गया है कि विक्रम की पीठ पर सवार बेताल की वजह से विक्रम को काफी नुकसान हो रहा है। इसमें विक्रम उद्धव टाकरे और संजय राउत को बेताल बताया गया है। यह भी कहा कि मीडिया में बयान देने से सरकार नहीं बन जाती। सरकार चलाने के​ लिये राजनीति और अनुभव जरूरी होता है। संजय राउत अपनी ही पार्टी  के हित को नुकसान पहुंचा रहे है। ठाकरे भी इस बात को समझ नहीं पा रहे है।

जैसे कि सामना शिवसेना का मुखपत्र है वैसे ही तरुण भारत संघ का मुखपत्र है। लेकिन सामना से उसका मुकाबला नहीं किया जा सकता है। सामना महाराष्ट्र का एक चर्चित समाचार पत्रों मे गिना जाता है। तरुण भारत मुंबई से प्रकाशित होता है उसका कोई प्रचार व प्रसार भी नहीं है। एक सवाल के जवाब में देवेंद्र फड़नवीस ने कहा था कि वो सामना नहीं पढ़ते है। उसी तरह संजय राउत से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा जैसे देवेंद्र फडनवीन सामना नहीं पढ़ते वैसे ही मैं भी तरुण भारत नहीं पढ़ता हूं।

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