alka return
Delhi CM Arvind Kejriwal and MLa Alka Lamba

नयी दिल्ली। इधर जाऊं या उधर जाऊं या खाक बन कर बिखर जाऊं यह लाइनें इस वक्त आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लांबा के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठ रही हैं। अल्का लांबा पिछले आठ दस दिनों से सुर्खियों में बनी हुई हैं। वो अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिये जानी जाती हैं। इसलिये पार्टी के अनेक नेताओं की आंखों में खटकती हैं। दरअसल उन्हें लगता है कि उनकी क्षमताओं के अनुरूप पार्टी में जगह नहीं मिली है। यही वजह जब जी चाहता है किसी भी आप नेता के खिलाफ अपनी राय शुमारी देती हैं। लेकिन उनकी यही आदत उन्हें परेशानियों में डालती जा रही है।
लेकिन समय रहते उन्हें हालात की नाजुकता समझ आ गयी और उन्होंने वापस अपनी आस्था पार्टी में जता दी है। ये अफवाह सुनने में आ रही थी कि शायद उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। उन्हें यह उम्मीद थी कि उनकी पुरानी पार्टी लोकसभा चुनाव में वापस बुला ले। लेकिन हाल फिहाल कांग्रेस की ओर ऐसा को ई संकेत नहीं मिला है। इस बीच पार्टी में उनकी गतिविधियों की काफी चर्चा हो रही थी। मीडिया में उन्होंने पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के व्यवहार पर उंगली उठाते हुए कहा कि वो घमंडी है। लोगों से ठीक से पेश नहीं आते है।
लेकिन उन्होंने हालात से समझौता कर लिया हैं। उन्होंने एक खबरिया चैनल पर कहा कि अब सब कुछ ठीक हो गया है वो वापस आम आदमी पार्टी में आ चुकी हैं। उन्हांेने यह भी कहा कि कांग्रेस और आप का तालमेल दिल्लीवासियों के लिये जरूरी है। बीजेपी जिस तरह से देश को बर्बाद करती जा रही है उसका मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मिलकर जनहित में करना चाहिये। कांग्रेस अपने अड़ियल रवैये पर अड़ी हुई है। लेकिन फिर भी पार्टी को अंतिम क्षण तक समझौता होने की उम्मीद है। वैसे गोपाल राय साफ तौर पर कह चुके हैं कि जो कुछ भी करना है कांग्रेस को करना है। हम अपनी सातों सीटों का ऐलान कर चुके हैं। राज्य सभा के सदस्य संजय सिंह अभी भी चाह रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा को दिल्ली में हराने के लिये हमसे हाथ मिला ही लेना चाहिये। पहले देश बचना चाहिये पाार्टी तो बाद में बचा ही लेंगे।
अल्का लांबा के लिये आगे कुआं पीछे खाई
नयी दिल्ली। इधर जाऊं या उधर जाऊं या खाक बन कर बिखर जाऊं यह लाइनें इस वक्त आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लांबा के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठ रही हैं। अल्का लांबा पिछले आठ दस दिनों से सुर्खियों में बनी हुई हैं। वो अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिये जानी जाती हैं। इसलिये पार्टी के अनेक नेताओं की आंखों में खटकती हैं। दरअसल उन्हें लगता है कि उनकी क्षमताओं के अनुरूप पार्टी में जगह नहीं मिली है। यही वजह जब जी चाहता है किसी भी आप नेता के खिलाफ अपनी राय शुमारी देती हैं। लेकिन उनकी यही आदत उन्हें परेशानियों में डालती जा रही है।
लेकिन समय रहते उन्हें हालात की नाजुकता समझ आ गयी और उन्होंने वापस अपनी आस्था पार्टी में जता दी है। ये अफवाह सुनने में आ रही थी कि शायद उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। उन्हें यह उम्मीद थी कि उनकी पुरानी पार्टी लोकसभा चुनाव में वापस बुला ले। लेकिन हाल फिहाल कांग्रेस की ओर ऐसा को ई संकेत नहीं मिला है। इस बीच पार्टी में उनकी गतिविधियों की काफी चर्चा हो रही थी। मीडिया में उन्होंने पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के व्यवहार पर उंगली उठाते हुए कहा कि वो घमंडी है। लोगों से ठीक से पेश नहीं आते है।
लेकिन उन्होंने हालात से समझौता कर लिया हैं। उन्होंने एक खबरिया चैनल पर कहा कि अब सब कुछ ठीक हो गया है वो वापस आम आदमी पार्टी में आ चुकी हैं। उन्हांेने यह भी कहा कि कांग्रेस और आप का तालमेल दिल्लीवासियों के लिये जरूरी है। बीजेपी जिस तरह से देश को बर्बाद करती जा रही है उसका मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मिलकर जनहित में करना चाहिये। कांग्रेस अपने अड़ियल रवैये पर अड़ी हुई है। लेकिन फिर भी पार्टी को अंतिम क्षण तक समझौता होने की उम्मीद है। वैसे गोपाल राय साफ तौर पर कह चुके हैं कि जो कुछ भी करना है कांग्रेस को करना है। हम अपनी सातों सीटों का ऐलान कर चुके हैं। राज्य सभा के सदस्य संजय सिंह अभी भी चाह रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा को दिल्ली में हराने के लिये हमसे हाथ मिला ही लेना चाहिये। पहले देश बचना चाहिये पाार्टी तो बाद में बचा ही लेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here