
आम चुनाव के करीब आते आते राजनीतिक दलों में तो भगदड़ मची ही, फिल्मी कलाकारों का भी मन राजनीति में आने को लालायित दिख रहे हैं। पिछले दिनों में कई फिल्मी कलाकारों ने राजनीति में कदम रखे हैं। शुरुआत जया प्रदा से हुई उन्होंने समाजवादी पार्टी को छोड़ कर बीजेपी में अपनी आस्था दिखाई। इससे पहले वो समाजवादी पार्टी से सांसद थी। लेकिन 2014 में वो मोदी लहर में अपनी सीट न बचा सकीं। 2019 में एक बार फिर सांसदी का शौक पूरा करने के लिये सपा छोड़ कमल के साथ हो लीं। इधर बीजेपी में जया प्रदा शामिल हुई तो कांग्रेस ने बुधवार को अपने समय की मशहूर ऐक्ट्रैस अर्मिला मातोंडकर को अपने खेमे में शामिल कर लिया। अब समझना यह है कि आखिर फिल्मी कलाकार राजनीति में क्यों आना चाहते हैं। इसका सीधा और सटीक जवाब ये है कि उनका फिल्मी कॅरियर तो कुछ खास नहीं बन पाया लेकिन राजनीति में एक बार सफल हो गये तो सात पीढ़ियों की जिंदगी भी सेट हो जायेगी। समाज में भी गणमान्य हो जायेंगे। फिल्मी कलाकार होने पर पैसा और शोहरत तो मिलती है लेकिन वो वीआईपी ट्रीटमेंट और फीलिंग तो नहीं मिलती है। साथ ही एक बार राजनीति में उतरने और जनप्रतिनिधि बनने के बाद मरते दम तक जनसेवा के नाम पर मेेवा खाने का मौका हमेशा बना रहता है। दूसरी ओर फिल्मी इंडस्ट्री व मनोरंजन के क्षेत्र में रोज नित नये और प्रतिभावान कलाकारों के आने से पुराने कलाकारों को काफी कंपीटीशिन करना पड़ रहा है। मार्केट में अपनी साख बचाना मुश्किल हो रहा है।
भोजपूरी फिल्मों के कलाकार रवि किशन और निरहुआ ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली। दोनों ही पाार्टियों में भर्तियों का दौर चल रहा है। चुनाव की बयार में पार्टी ये भी नहीं देख रही हैं कि शामिल होने वाले की समाज में क्या हैसियत है उसका शैक्षिक व बौद्धिक स्तर क्रूा है। पार्टियां सिर्फ उसकी पाॅपुलरिटी को देखते हुए उन्हंे पार्टी में शामिल ही नहीं कर रही बल्कि टिकट भी देे रही हैं। यह पहली बार नहीं हो रहा कि फिल्मी कलाकार राजनीति में उतर रहे हैं। आज से काफी समय पहले अमिताभ बच्चन ने कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद अब का प्रयागराज से चुनाव लड़ा था। उनकी लोकप्रियता के आगे बहुगुणा जैसे दिग्गज नेता को अपनी सीट बचाना मुश्किल हो गया था। उस चुनाव के बाद से ही बहुगुणा का राजीतिक पटाक्षेप हो गया था। अमिताभ बच्चन में भी उस चुनाव के बाद सक्रिय राजनीति से तिलांजलि दे दी। उनकी पत्नी जया बच्चन सक्रिय राजनीति में तो नहीं लेकिन समाजवादी पार्टी से राज्य सभा सदस्य है। समाजवादी पार्टी ने इनके अलावा अभिनेत्री शबाना आजमी और गीतकार जावेद अख्तर को भी अपनी पार्टी से राज्यसभा सदस्य बनवाया है।
एक और फिल्मी स्टार गोविंदा ने भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और रिकार्ड वोटों से जीते भी। उनके जीतने से बीजेपी के एक दिग्गज नेता का राजनीतिक हस्ती के कॅरियर पर सवालिया निशान लग गया। मिथुन चक्रवर्ती को भी टीएमसी के टिकट पर ममता दीदी ने राज्यसभा का सदस्य बनाया था। ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी भी बीजेपी के टिकट पर पिछले कई लोकसभा के चुनाव लड़ चुकी हैं। उनके पति धर्मेंद्र भी बीजेपी टिकट पर लोकसभा का चुनाव लडे और सांसद भी बने। फिल्मी कलाकार विनोद खन्ना भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सांसद बन चुके हैं। बाॅलिवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना भी कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली से सांसद बन चुके हैं। बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा और किरण खेर भी बीजेपी के टिकट पर सांसद बन चुके हैं। सुनील दत्त भी कांग्रेस के टिकट पर सांसद रहे। राज बब्बर भी पहले समाजवादी पार्टी में गये और वर्तमान में कांग्रेस से राज्य सभा के सदस्य हैं। लेकिन इस बार बिहारी बाबू कमल छोड़ कांग्रेस के टिकट पर अपनी परंपरागत पटना साहिब सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इनके अलावा सिनेतारिका रेखा भी राज्यसभा की सदस्य रही है।