नयी दिल्ली। सोमवार 8 अप्रैल को बीजेपी आम चुनाव के लिये अपना संकल्प पत्र का खुलासा किया। जैसा कि पहले से उम्मीद थी कि विपक्षियों ने उस पर टीका टिप्पणी शुरू कर दी है। मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने भी इस कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे व्यापारी विरोधी करार दिया है।
आम आदमी पार्टी के नेता और लोकसभा प्रत्याशी ब्रजेश गोयल ने भाजपा के संकल्प पत्र पर यह कहते हुए आपत्ति जतायी कि केन्द्र सरकार ने अपने संकल्प पत्र में व्यापारियों के बारे कुछ भी नहीं सोचा है। उन्होंने सिर्फ पुराने बीजेपी के घोषणा पत्र कुछ भी नया नहीं किया है। पिछले पांच साल में एनडीए की सरकार ने केवल घोषाएं ही की है। देश और समाज का हर वर्ग परेशानियों से जूझ रहा है। नोटबंदी और जीएसटी लागू कर के देश के व्यापारियों, उद्यमियों और छोटे दुकानदारों पर केन्द्र सरकार ने कुठाराघात किया है।
खासतौर से दिल्ली के व्यापारियों पर चैतरफी परेशानियों की मार पड़ी है। एक तरफ नोटबंदी और जीएसटी की मार झेल रहे व्यापारियों पर सीलबंदी का कहर टूटा। जिससे स्थानीय व्यापारी केन्द्र सरकार की अनीतियों का शिकार बन गये हैं। व्यापारियों को उममीद थी कि बीजेपी के संकल्प पत्र में शायद उनके हित को ध्यान में रख कर सीलबंदी और जीएसटी के सरलीकरण का मुद्दा रखा होगा। लेकिन केन्द्र सरकार के संकल्प पत्र में व्यापारियों की समस्याओं के लिये कोई जगह नहीं दिया गया है।
ब्रजेश गोयल ने कहा कि आम आदमी पार्टी इन व्यापारियों की समस्याओं और उनके मन की पीड़ा समझने के लिये जल्द ही अभियान चला कर संपर्क किया जायेगा। केन्द्र सरकार चाहती तो सीलबंदी की समस्या का कोई न कोई समाधान निकाल सकती थी। लेकिन केन्द्र ने गरीब और आश्रयहीन व्यापारियों की परेशानी पर गौर नहीं किया।