Manoj, Shiela and Dileep pande
East Delhi Gen. election- Three Political state chief are contesting for victory

विनय गोयल
नयी दिल्ली।  पिछली बार कांग्रेस के बुरे दिन चल रहे थे। लेकिन आज के हालात काफी बदल चुके है।
कांग्रेस ने मनोज तिवारी को टक्कर देने के लिये कांग्रेस की दिग्गज नेता और 15 साल तक दिल्ली में सरकार चलाने वाली पूर्व सीएम शीला दीक्षित को मैदान में उतारा है। इससे मनोज तिवारी को कड़ी टक्कर मिलने वालीे है। दिल्ली के लिये शीला दीक्षित कोई अनजाना नाम नहीं है। 2014 से पहले दिल्ली में सीेएम शीला दीक्षित की सरकार हुआ करती थी। लोग यह भी मानते हैं कि कांग्रेस की सरकार में दिल्ली में काफी काम हुआ था। लेकिन 15 साल की सरकार में काफी घोटाले भी हुए थे। इसके चलते जनता ने 2014 के चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखा और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी वो भी कांगे्रस की मदद से। लेकिन यह सरकार सिर्फ 49 दिनों तक ही चल सकी। अरविंद केजरीवाल यह कहते हुए सरकार से इस्तीफा दे दिया कि कांग्रेस उसके हर काम में अड़ंगा डालती है अतः हम सरकार आगे नहीं चला सकते। दिल्ली में एलजी का राज हो गया। एक साल बाद 2015 में विधानसभा के चुनाव हुए और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस और बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाते हुए ऐतिहासिक जीत करते हुए फिर से दिल्ली में सरकार बनायी। ऐसा अभूतपूर्व समर्थन भारत की किसी भी राजनैतिक दल को नहीं मिला था। भाजपा के तीन विधायक ही बन पाये जबकि काग्रेस का तो खाता भी नहीं खुला था।

मनोज तिवारी को आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप पाण्डे से मिलने वाली है। यह कहा जा सकता है कि इस लोकसभा से तीन पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों की साख दांव पर लगी है। दिलीप पाण्डे आम आदमी पार्टी के एक बड़े नेता के रूप जाने जाते हैं साथ अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय रहते हैं। इसके साथ ही ये एक उच्च शिक्षित नेता हैं जो विदेश से नौकरी छोड़ कर दिल्ली में आम आदमी पार्टी के जुड़े हैं। इसलिये इस बार का आम चुनाव बीजेपी के लिये हलवा नहीं है जो आसानी से किसी के हाथ लग जाये।

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