नयी दिल्ली। कर्नाटक बीजेपी ने येनकेन प्रकारेण कांग्रेस—जेडीएस सरकार को गिराने में सफल रही हो सकता है कि वहां एक बार फिर बीजेपी येदुरप्पा को कर्नाटक का सीएम बनाये। लेकिन दूसरी ओर मध्यप्रदेश में उनके दो विधायकों ने कांग्रेस सरकार को एक विधेयक पास कराने के लिये समर्थन दिया है। साथ यह भी कहा कि यह हमारी घर वापसी है। कमलनाथ सरकार बनते ही एमपी के बीजेपी नेता यह कह रहे थे कि वो जब चाहेंगे प्रदेश सरकार गिरवा देंगे और बीजेपी की फिर सरकार बना लेंगे। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गी ने यह कहा था कि केन्द्र से इशारा भर हो जाये यहां तख्ता पलट देंगे। लेकिन जिस तरह भाजपा विधायकों ने कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया है वो बीजेपी के लिये संकट की घंटी मानी जा सकती है। यह भी माना जा सकता है कि मध्य प्रदेश बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है। विधेयक के समर्थन में 122 विधायकों ने वोट किया है। यह बात कमलनाथ सरकार के लिये संजीवनी से कम नहीं हो सकती है।
बुधवार को बीजेपी को उस वक्त जोरदार झटका लगा जब मध्यप्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन कमलनाथ सरकार के पक्ष में दे दिया। इतना ही नहीं यह भी कहा कि यह उनकी घर वापसी है।
मालूम हो कि दोनों ही विधायक पहले कांग्रेस पार्टी में थे। बाद में भाजपा में शामिल हो गये थे। दोनों विधायकों के समर्थन के पीछे भोपाल मध्य के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की अहम् भूमिका रही। ये दोनों ही विधायक सुरेश पचौरी खेमें के बताये जाते हैं।
विधायक नारायण त्रिपाठी पार्टी बदलने में काफी माहिर बताये जाते हैं। पिछले साल वो चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे। लेकिन उनकी भाजपा सांसद गणेश सिंह से अनबन चल रही थी। वो चाहते थे कि मैहर को जिला बनाया जाये लेकिन उनकी मांग पर सिर्फ विचार ही कहा जा रहा है।