कर्नाटक में सोमवार को बीएस येदुरप्पा की सरकार फ्लोर टेस्ट देने जा रही है। लेकिन सरकार को कोई परेशानी नहीं होने जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अब यह विधायक न तो बीजेपी सरकार को समर्थन दे सकते हैं और न ही कोई चुनाव लड़ सकते हैं। इससे बीजेपी को ही हुआ है क्यों कि 17 सदस्य अयोग्य होने से अब विधानसभा में सदस्यों की संख्या 208 रह गयी है। बीजेपी के अपने ही 105 एमएलए हैं। इसके साथ ही उन्हे एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन भी प्राप्त है। उनकी सरकार को अब किसी और विधायक के समर्थन की जरूरत नहीं है। कम से कम छह माह तक तो बीजेपी की सरकार आराम से चल सकती है।
अगर यह 17 विधायक अयोग्य नहीं होते तो बीजेपी के लिये जरूर समस्या होती क्यों कि बीजेपी ने इन्हें मंत्री पद का लालच दे कर ही बगावत करने पर राजी किया था। कर्नाटक राज्य में 34 मंत्रियों से अधिक नहीं हो सकते हैं। इसमें सीएम भी शामिल है। अगर बागी विधायक बीजेपी को समर्थन देते तो 17 मंत्री पद तो इन्हें दिये जाते बचे 17 पदों में बीजेपी के अपने विधायकों को मंत्री बनाना पड़ता जिसमे सीएम भी शामिल है। उस कंडीशन में बीजेपी को अपने विधायकों को संतुष्ट करना बड़ा ही मुश्किल हो जाता।