नयी दिल्ली। आखिरकार बिहारी बाबू ने यह फैसला कर लिया कि उनकी पहली पसंदीदा पार्टी बीजेपी में उनका कोई ठिाकना नहीं रहा है। अतः उन्हांने भी दूसरे राजनैतिक दलों में जगह टटोलनी शुरू कर दी है। यह भी सुनने में आ रहा है कि वो कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। इतना ही नहीं वो अपनी पुरानी लोकसभा पटना साहिब सीट से ही कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वैसे भाजपा ने भी उनका टिकट काटने की तैयारी के साथ बिहार के ही रविशंकर प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। रविशंकर प्रसाद मोदी सरकार में दबंग मंत्री हैं। अभी वो राज्यसभा के सदस्य है। दो तीन दिन पहले बिहारी बाबू ने मोदी नाम एक पत्र लिखकर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी कि अब वो उनकी पार्टी मंे रहने को इच्छुक नहीं हैं।
मोदी सरकार व भाजपा से नाराज चल रहे बीजेपी सांसद पिछले कई सालों से नाराज चल रहे थे। वो सार्वजनिक मंचों से अक्सर मोदी और सरकार की कड़ी आलोचना करने से भी बाज नहीं आते है। उनके निशाने पीएम मोदी ही रहते थे। लोगों की मानें तो सरकार बनने के बाद से ही वो सरकार के रवैये पर सवाल उठाते रहे है। दरअसल मोदी गुट उन्हें आडवाणी गुट का मानता है। यह देखा जा रहा है कि जितने भी पुराने बीजेपी के नेता जो मोदी को फूटी आंख नहीं देखना चाहते हैं उन्हें पीएम मोदी ने किसी पद के लायक न समझते हुए मार्गदर्शक मंडल में बैठा दिया है। शत्रुघ्न सिन्हा भी बीजेपी नेतृत्व को कोई तवज्जों नहीं देते और विपक्षी नेता लालू, ममता औरकेजरीवाल के साथ मंच साझा करते रहे। इससे पार्टी और उनके बीच दूरियां बढ़ती रहीं। पार्टी के अंदर से भी उन्हें पार्टी से बाहर करने की मांग अक्सर होती रही है। लेकिन पार्टी ने पटना साहिब सीट से रविशंकर प्रसाद को लड़ाने का फैसला कर शत्रु को एहसास करा दिया कि अब वो पार्टी से बाहर चलें जायें।