
नयी दिल्ली। बीजेपी और शिवसेना के बीच बढ़ती दूरियों को सुलझाने के सारे प्रयास अब तक विफल हुए है। ऐसे में एक केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि शिवसेना को अपनी मुख्यमंत्री वाली मांग छोड़ देनी चाहिये। इस पर वाजिब हक तो भाजपा का ही बनता है। वैसे भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अन्य दलों के मुकाबले बीजेपी की सीटें अधिक है। इसलिये मुख्यमंत्री पद पर उनका हक बनता है। शिवसेना को डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है।
आरपीआई नेता और केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि भाजपा शिवसेना को कैबिनेट में बराबरी का हिस्सा दे सकती है। इसके साथ ही कुछ अहम् मंत्रालय भी दिये जा सकते है। अठावले ने यह भी कहा कि नितिन गडकरी इस मसले को सुलझाने में सफल हो सकते हैं। उनकी सभी दलों के नेता सम्मान करते हैं। मैं उनसे मिलकर समस्या के सामाधान के लिये बात करूंगा।
महारारष्ट्र विधानसभा के रिजल्ट को आये लगभग 15 दिन हो गये हैं। लेकिन अभी तक सरकार का गठन नहीं हो सका है। राजनीतिक गतिरोध के कारण बीजेपी और शिवसेना में सहमति नहीं बन पा रही है। दोनों ही दलों में मुख्यमंत्री पद के लिये आपस में तलवारें खिंची हुई है। नौ नवंबर तक प्रदेश में सरकार बनना जरूरी है। राजनीतिक पेंच ऐसा फंसा है कि भाजपा शिवसेना के बिना सरकार बना नहीं सकती है इसके बावजूद वो शिवसेना की मांग नहीं मान रही है। शिवसेना अपनी जिद पर अड़ गयी है। ऐसे में एनसीपी और कांग्रेस ही ऐसे दल हैं जिनके सहयोग से सरकार बनायी जा सकती है।