BJP vs TMC
BJP MP Saumita khan"s wife left BJP and joined TMC

नयी दिल्ली। 14 मई को अमित शाह की रैली में आखिरकार इतनी हिंसा क्यों हुई। चुनाव आयोग की चेतावनी के बाद भी कोलकाता हैं आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई गयीं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का आरोप है कि टीएमसी सरकार ने उनकी रैली को विफल करने के लिये हिंसा करायी। साथ ही वो ये भी कहते है कि अगर सीआरपीएफ वहां न होती तो मेरी हत्या भी हो सकती थी। उन्होंचे चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर भी उंगली उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ममता सरकार पर मेहरबान है ममता सरकार आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है लेकिन ईसी चुपचाप बैठा है। वहीं दूसरी ममता सरकार और बंगाल पुलिस का कहना है कि अमित शाह यूपी और बिहार से गुंडे लाये थे जिन्होंने कोलकाता में तोड़ फोड़ की और विद्यासागर कालेज में घुसकर छात्र छात्राओं के साथ अभद्रता की। इतना ही नहीं शिक्षाविद् और विचारक ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति केा भी तोड़ा दिया। ममता सरकार ने बीजेपी अध्यक्ष शाह के खिलाफ हिंसा फैलाने का मामला दर्ज कराया है।
मालूम हो अमित शाह की रैली शुरू होने से पहले ही प बंगाल की पुलिस ने रैली आयोजकों से अनुमति के कागज दिखाने को कहा तो उन्होंने दिखाने इनकार करते हुए ममता बनर्जी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस पर पुलिस वहां लगे मोदी, शाह और बीजेपी के पोस्टर और पार्टी के बैनर हटा दिये। इसके बाद से ही रैली स्थल पर माहौल खराब होने की आशंका दिखने लगी।
रैली में आये बीजपी के कार्यकर्ताओं ने आसपास के इलाकों में घुसकर मारपीट और आगजनी का प्रयास शुरू कर दिया। रैली में लोग हनुमान, राम और लक्ष्मण का वेश रख कर जय श्रीराम, मोदी और शाह जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं वहां मौजूद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ध्रुवीकरण के लिये हिन्दुत्व का राग अलापना शुरू कर दिया। यह भी जानकारी में आया कि रैली आयोजकों ने रैली निकालने की अनुमति पुलिस से न लेकर सेना से ली थी। उन्होंने पुलिस को इस बारे में बताना भी वाजिब नहीं समझा। इससे स्थानीय पुलिस और भी भड़क गयी। ऐसा न कर के बीजेपी और रैली आयोजकों ने आचार संिहता का उल्लंघन भी किया।

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