इस साल की शुरूआत से ही देश की राजनीति में उबाल देखा जा रहा है। राजनीतिक दलों के अंदर हड़कंप मचा हुआ है। हर दल का असंतुष्ट नेता अंदर ही अंदर छटपटा रहा है। अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिये किसी हद तक जाने के लिये बेताब हो रहा है। उसे पार्टी नहीं सत्ता चाहिये उसके लिये वह अपनी पार्टी बदलने तक को तैयार हो जाते हैं। आम चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। अपने मंसूबों को पूरा करने वाले नेतागण दूसरे दलों में अपनी जगह टटोलने में लगे हुए है। कुछ टटोल चुक हैं और कुछ तैयारी में लगे हैं। दोनो महागठबंधन यूपीए और एनडीए भी घात लगा कर बहेलियों की तरह जाल बिछाये ताक लगा कर बैठे हैं। इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प व कांटे का होने वाला है। पार्टी दल बदल में और भी कई नाम जुड़ सकते हैं क्यों कि भाजपा से जिस किसी का टिकट कटेगा वह टिकट के लिये किसी अन्य दल का साथ पकड़ लेगा। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि राजनैतिक दल ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल ही क्यों करते हैं जो कल तक उनकी पार्टी को पानी पी पी कर कोसते थे।
ताजा हालात के अनुसार कांग्रेस,बीजेपी, जेडीएस के नेताओं ने अपनी पार्टियों से पाला बदला है। सबसे पहला नाम जनता दल एस के दानिश अली ने पार्टी छोड़ दिल्ली में बहुजन समाज पार्टी का सदस्यता ली। उन्हें बीएसपी नेता सतीश मिश्रा ने पार्टी में शामिल कराया। दानिश अली जेडीएस में एकमात्र हिन्दी भाषी नेता थे। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इनके जेडीएस छोड़ने पर कर्नाटक के सीएम कुमारा स्वामी ने यह कह कर हैरान कर दिया कि दानिश अली को उन्होंने ही बीएसपी में शामिल होेने को कहा है। दानिश अली जेडीएस प्रमुख एचडी दैवेगौडा के करीब जाने जाते थे।
दूसरा झटका बीजेपी को उनके ही सांसद श्यामा चरण गुप्ता से लगा है। श्यामा चरण प्रयागराज से बीजेपी के सांसद थे। उन्होंने बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी को ज्वाइन कर लिया है। अब वो बांदा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहा है। इसके उलट बीजेडी के दो सांसद भद्रलाल मांझी और वैजयंत पांडा ने अपनी पार्टी को बाय-बाय कर कमल को साध लिया है। बीजेडी के लिये यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
बीजेपी के ही पटना से सांसद बिहारी बाबू ने भी पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिये हैं। वो काफी समय से पार्टी और सरकार की नीतियों को जमकर आलोचना करते रहे हैं। पीएम मोदी के निर्णयों की भी वो काफी कड़ी निंदा कर चुके हैं। पार्टी के कुछ नेता कब से उन कार्रवाई करने की मांग कर चुके हैं। लेकिन शायद अब पार्टी को भी उन पर कार्रवाई करने का सही मौका मिल गया है उन्हें पार्टी से भी निकाला जा सकता है। भागलपुर के सांसद कीर्ति आजाद ने भी भाजपा का साथ छोड़ कांगे्रस का हाथ थाम लिया है। आगामी आम चुनाव में वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
आज देहरादून में कांग्रेस की रैली थी जिसमे राहुल गांधी ने पहुंच कर मोदी और उनकी सरकार को लताड़ा था। राफेल और पाक के मुद्दे पर मोदी को जमकर कोसा। इतना ही नहीं इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व सीएम भुवनचंद खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई साथ ही पार्टी से टिकट देने का आश्वासन भी दिया। बीसी खंडूरी भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं।