नयी दिल्ली। इसी साल की शुरूआत में पूर्व भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता भी ली थी। लेकिन साल भीतर ही उनका मन कांग्रेस से भर गया और उन्होंने उन्होंने यह कहते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया कि कांग्रेस में उनकी बात को अहमियत नहीं दी जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह कहा कि संविधान को बचाने के लिये उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी। अब वो अपनी ही पार्टी बना कर भाजपा को रोकने का प्रयास करेंगी।
2014 में भाजपा ने श्रीमती फूले को बहराइच से टिकट दिया था। वो चुनाव जीत कर संसद भी पहुंची भी। लेकिन 2019 में आम चुनाव के पहले ही श्रीमती सावित्री बाई ने भाजपा से इस्तीफ दे दिया था। लेकिन एक साल के भीतर ही उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी में श्रीमती फूले ने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। उस वक्त उन्होंने यह कहा था कि संविधान की रक्षा के लिये वो कांग्रेस को ज्वाइन कर रही हैं। कांग्रेस ही बीजेपी को रोकने में सक्षम है।