बिहार में आम चुनाव को लेकर नित नये समीकरण बनते जा रहे हैं। इस माह भारत की राजनीति में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं। 14 फरवरी को पाक समर्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मौहम्मद ने पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बल सीआरपीएफ के एक ट्रक पर आत्मघाती हमला किया जिसमें हमारे चार दर्जन के करीब जवान शहीद हो गये थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश ए मौहम्मद ने लेते हुए भारतीय सेना और सरकार को खुली चुनौती दी। जिसे भारतीय सरकार ने स्वीकार करते हुए 12 दिनों के भीतर ही सर्जिकल अटैेक 2 के तहत पाक सीमा के अंदर घुसकर जैश के ठिकानों पर हवाई हमले करवा दिया। इससे न केवल पाकिस्तान में बल्कि भारतीय राजनीति में भी काफी गहमा गहमी चल रही है। मोदी सरकार ने पुलवामा हमले का बदला इतनी जल्दी और शानदार तरीका से लिया इससे पाकिस्तान के होश उड़ गये हैं।
देश में भी मोदी सरकार के विपक्षी भी सर्जिकल स्ट्राइक 2 से हक्का बक्का है। वैसे भी एनडीए सरकार मार्केटिंग में कांग्रेस से काफी आगे है। सोशल मीडिया पर मोदी जी का सबसे अधिक ध्यान रहता है। पहले तो मोदी सरकार की योजनाओं और कार्यप्रणाली से सोशल मीडिया पर जब कर प्रचार चल रहा था। मोदी सरकार के इस कदम से पूरा देश मोदी मोदी कर रहा है। पूरे देश में देशभक्ति का माहौल देखा जा रहा है। मोदी को लोग इतिहास का सबसे बड़ा और साहसी पीएम मानने लगे हैं। साल के शुरुआत में लोगों को लगने लगा था कि मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बन सकेंगे। लोगों में सरकार के प्रति काफी नाराजगी थी। किसान, नौजवान, उद्यमी, और व्यापारी सभी सरकार की नीतियों से दुखी लग रहे थे। यह मान कर चल रहे थे कि कांग्रेस एक बार फिर सत्ता मंें वापसी करने जा रही है।
लेकिन फरवरी में वैलंेनटाइन डे के दिन जैश ने पुलवामा में निर्मम हत्याओं को अंजाम दिया। उसी दिन से पूरे देश में सरकार के प्रति एक तरफ रोष था तो दूसरी ओर भाजपा और मोदी सरकार देश में राष्ट्रप्रेम की अलख जगाने में जुटे हुए थे। कुछ राजनीतिक दलों ने तो पुलवामा कांड के समय को लेकर शंका भी जतायी थी। उनका कहना था कि यह आतंकवादी हमला चुनाव के करीब ही क्यों हुआ। यह एक विचारणीय विषय है। लेकिन केन्द्र सरकार ने पुलवामा हमले का बदला लेने में तनिक भी देर न लगाते हुए पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी ठिकानों पर बम बरसा दिये। इससे आतंकवादियों के पैर उखड़ गये। यह बात और है कि पाकिस्तान हमलों से इनकार कर रहा है कि भारतीय वायु सेना ने उनकी सीमा के भीतर घुसकर हवाई हमले किये हैं।
लेकिन बीते बीस दिनों के भीतर मोदी और सरकार की साख में काफी अंतर आ गया है। जहां लोग केन्द्र सरकार के बदलाव की बात सोच रहे थे वही लोग अब खुले तौर पर मोदी और उनकी सरकार की तारीफ कर रहे हैं। विपक्षी दल भी खुलकर मोदी और एनडीए सरकार की खिलाफत नहीं कर रहे है। खासतौर से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जो हमेशा मोदी को घेर कर भाजपा को घिक्कारते थे। पिछले तीन दिनों से कोई तीखा हमला नही कर रहे हैंे। उनकी पार्टी के बयान भी फिलहाल मोदी सरकार के समर्थन में ही आ रहे हैं। उन्हें डर है कि मोदी सरकार की खिलाफत करना आगामी चुनाव में कहीं उनके लिये परेशानी का सबब न बन जाये। इस लिये विपक्षी नेता सही मौके की तलाश में है।
अब बात करते हैं बिहार की जहां पिछले माह तक भाजपा और जेडीयू की हालत काफी खस्ता मानी जा रही थी। अब वहां मोदी लहर फिर से दिखने लगी है। एक सर्वे में तो भाजपा को 5 सीट पर सिमटा बताया था। इसी सर्वे में कांग्रेस और महागठबंधन को 35 सीट मिलने का अनुमान बताया था। इसके पीछे नितीश सरकार में हुए काफी घोटालों का खुलासा और सरकारी छात्रावासों में बालिकाओं के साथ हुए दुराचार ने काफी छवि को धक्का लगाया। इसके बावजूद समाज व महिला कल्याण मंत्री के पति को पुलिस ने काफी फजीहत के बाद अरैस्ट किया था। मंजू वर्मा को भी सुप्रीमकोर्ट की फटकार के बाद ही मंत्री से इस्तीफा मांगा था। इसके अलावा आपराधिक मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है। इससे नितीश कुमार की सुशासन बाबू की छवि काफी धूमिल हो रही थी। इतना ही नहीं राजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ही आक्रामक ढंग से बीजेपी-जेडीयू सरकार को सफलतापूर्वक घेरा। बिहार में महागठबंधन का विस्तार करने में लालू पुत्र तेजस्वी ने बहुत ही अहम् भूमिका निभाई है।
लेकिन इधर एक सप्ताह में लोगों में मोदी और एनडीए में फिर से आस जग गयी है। लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं मोदी। एक बार फिर मोदी मैजिक चलने की तैयारी में है। विपक्ष की सारी मेहनत और एकता एक बार फिर नाकाम होती दिख रही है। जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि मोदी किस तरह माहौल अपने पक्ष में बनाने में माहिर है। 2014 का लोकसभा चुनाव याद करें किस कदर मोदी ने कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर के चाय बेचने वाले बयान को इस्तेमाल कर कांग्रेस की हालत पतली कर दी थी। गुजरात असंेबली इलैक्शन में भी मणिशंकर के नीच वाले बयान को मोदी इस कदर भुनाया कि वहां कांग्रेस की सरकार बनते बनते रह गयी। इस मामले में मोदी मास्टर माइंड हैं। आगामी आम चुनाव जो बहुत ही करीब हैं वहां भी मोदी एण्ड कंपनी पाक पर सर्जिकल स्ट्राइक का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करेगी। कोई शक नहीं कि मोदी सरकार एक बार फिर से देश की सत्ता संभालने में कामयाद हो जाये।
अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिये तो बहुत ही अफसोस की बात होगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश विदेश में घूम घूम कर राफेलए जीएसटी और नोटबंदी मामलों में मोदी सरकार को निशाना बनाया था। उनके पीएम बनने के अरमानों पर मोदी की सर्जिकल स्ट्राइक पे पानी फेर दिया है। अब कोई चमत्कार ही कांग्रेस की सरकार बना सकता है।
चैक चैराहा सर्वे
चर्चा में मोदी 50 फीसद और राहुल 32 फीसद
बीजेपी व गठबंधन 30, व कांग्रेस 6 – 14 फीसद लोग
बीजेपी व गठबंधन 20, कांग्रेस व सहयोगी 20 सीट, – 9 फीसद
बीजेपी व सहयोगी दल 10 सीट और कांग्रेस व सहयोगी दल 30 सीट – 51 फीसद
बीजेपी व सहयोगी दल 5 सीट और कांग्रेस, राजद और सहयोगी दल 35 सीट-25 प्रतिशत
इस सर्वे में विभिन्न जिलों व विधानसभाओं में 3400 लोगों से बात की गयी है।
स्पीक मीडिया नेटवर्क का सर्वे जुलाई 2018
यूपीए 29 सीट
एनडीए 7 सीट
अनिश्चत 4 सीट
वोट शेयरिंग- 61 फीसद राजद व गठबंधन दल
एबीपी और सी वोटर्स का सर्वे
अगर आरएलएसपी और लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए में शामिल रहें तो
एनडीए को 31 सीट, यूपीए को 9 सीटें मिलने का अनुमान है।
लेकिन उपरोक्त दोनों दल यूपीए के साथ जाते हैं तो
एनडीए को 22 और यूपीए को 18 सीटे मिल सकती हैं।
इंडिया टीवी और सीएनएक्स का सवे
एनडीए को 27 और महागठबंधन को 13 सीटें मिलने की उम्मीद है।
बीजेपी को 13, जेडीयू को 11, राजद को 10 और कांग्रेस को दो सीटें मिलती दिख रही हैंे।
आज तक का सर्वे
कुल सीटें. 40
रुण् किसे कितनी सीटें मिल रही हैंरू
भाजपा. 10
राजद. 14
जदयू. 8
कांग्रेस. 4
अन्य. 4
रुण् किसे कितने प्रतिशत वोट मिल रहे हैंरू
भाजपा. 20ः
राजद. 27ः
जदयू. 18ः
कांग्रेस. 10ः
अन्य. 21ः
रुण् अभी क्या है स्थितिरू
भाजपा. 22
राजद. 4
जदयू. 2
कांग्रेस. 2
अन्य. 10