
नयी दिल्ली। महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में सरकार 9 नवंबर तक बनना बहुत जरूरी है वर्ना प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग जायेगा। भाजपा नेता शिवसेना के अढियल रवैया काफी खिसियाये हुए है। शीर्ष नेतृत्व ने मौन धारण करने का निर्देश दिया है। भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडनवीस ने गृहमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से सरकार बनाने के संबंध में उनके आवास पर मुलाकात की। उन्हें वेट एण्ड वॉच की बात कह कर वापस लौटा दिया गया। यहां से लौटने के बाद देवेंंद्र संघ प्रमुख से मिलने मंगलवार को नागपुर गये वहां उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति पर चर्चा की। यहा माना जा रहा है कि भाजपा नेता ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से दखल देने का अनुरोध किया है। ताकि राजनीतिक गतिरोध खत्म किया जा सके।
सूत्र यह भी कह रहे हैं मंगलवार को कोर कमेटी की बैठक में महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फार्मूला तैयार हो चुका है। जल्द ही शिवसेना और बीजेपी के बीच के मसले हल हो जायेंगे। देवेंद्र नयी सरकार के गठन से पहले संघ प्रमुख से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।
वैसे शिवसेना भी यही चाहती है कि बीजेपी और उनके बीच के मसले का हल सुलझाने के लिये संघ मध्यस्थता करे। ताकि उनकी मांग के अनुसार उन्हें हक मिल जाये। देवेंद्र फडनवीस से पहले शिवसेना ने भी संघ प्रमुख मोहन भागवत से मामले में दखल देने के लिये पत्र लिखा था।
महारारष्ट्र विधानसभा के रिजल्ट को आये लगभग 15 दिन हो गये हैं। लेकिन अभी तक सरकार का गठन नहीं हो सका है। राजनीतिक गतिरोध के कारण बीजेपी और शिवसेना में सहमति नहीं बन पा रही है। दोनों ही दलों में मुख्यमंत्री पद के लिये आपस में तलवारें खिंची हुई है। नौ नवंबर तक प्रदेश में सरकार बनना जरूरी है। राजनीतिक पेंच ऐसा फंसा है कि भाजपा शिवसेना के बिना सरकार बना नहीं सकती है इसके बावजूद वो शिवसेना की मांग नहीं मान रही है। शिवसेना अपनी जिद पर अड़ गयी है।