नयी दिल्ली। ई यू सांसदो का निजी दौरा सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। विपक्ष के साथ साथ अब एनडीए के घटक दल भी सरकार को घेर रहे हैं। उनके सहयोगी दल जदयू ने सरकार से पूछ है कि ईयू का दौरा जब निजी था तो केन्द्र सरकार का उनके प्रति इतना लगाव क्यों। उन्हें अधिकृत दौरों जैसी सुविधाएं क्यों। क्या उनके दौरे के लिये यह समय उचित है। पार्टी प्रवक्ता पवन वर्मा ने जम्मू कश्मीर में जल्द से जल्द आम नागरिकों की सुविधाओं को बहाल करे केन्द्र सरकार। राजनीतिक दल ले केन्द्र से वहां के राजीतिक लोगों की रिहाई की मांग भी की है।
केन्द्र सरकार के लिये अच्छा समय नहीं लग रहा है। इधर जम्मू कश्मीर में यूरोपीय सांसदों के दौरे को लेकर पूरी विपक्ष सरकार को निशाने पर रखे है। लेकिन अब उनके सहयोगी दल भी सरकार की इस हरकत से नाराज दिख रहे है। जेडीयू ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कन्द्र सरकार को वहां के लोगों की बुनियादी सुविधाओं को बहाल करने में तेजी लानी चाहिये। वर्मा ने कहा कि ईयू का निजी दौरा केन्द्र सरकार का निर्णय विरोधाभास पैदा कर रहा है। केन्द्र एक ओर देश के सांसदों को जम्मू कश्मीर में जाने से रोकती है दूसरी ओर विदेशी राजनीतिज्ञों और सांसदों का वहां सुख् सुविधाओं के साथ स्वागत कर रही है। यह सब जम्मू कश्मीर की राष्ट्रीयकरण न करने की नीति के खिलाफ है। विदेशी सांसदों का यह दौरा अगर निजी है तो इसका चयन किसने और कैसे किया। क्या उनके दौरे क यही समय उचित था। जेडीयू न केवल एनडीए का घटक है बल्कि ईयू के दौरे का भी सबसे पहले विरोध जताया है। जेडीयू का यह रवैया सरकार के लिये अच्छा संकेत नहीं है।