नयी दिल्ली। पिछले दो दिनों में चुनाव आयोग ने वो कर दिखाया जो काफी समय पहले पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने किया था। उनके आगे किसी भी राजनीतिक दल या नेता की हेकड़ी नहीं चलती थी। लगभग सभी दल आचार संहिता को मानने को नतमस्तक थे। पिछले पांच साल तक चुनाव आयोग की भूमिका एक बिना रीढ़ की संस्था बन गयी थी। लेकिन पिछले दो दिनों में चुनाव आयोग ऐक्टिव हुआ है राजनीतिक दलों में त्राहि माम हो गया है। कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिमों से एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील कर डाली। इस पर चुनाव आयोग ने जिला प्रशासन से उस भाषण की सीडी मंगाई है।
सबसे पहले आयोग ने मायावती और यूपी के सीएम योगी के प्रचार पर बैन लगाया। उसके बाद तो लिस्ट में कई और दिग्जजो के प्रचार पर बैन लगा। केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी, सपा के नेता आजम खां पर भी चुनाव आयोग ने प्रचार पर बैन लगा दिया। इस लिस्ट में और भी नाम जुड़ सकते हैं उनके कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू, बसपा के गुड्डू पंडित, केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और गिरिराज सिंह की बद्जुबानी पर आयोग नकेल कसने की तैयारी मे है। बीजेपी ही हिमाचल बीजेपी चीफ सत्यपाल सत्ती ने मंच से ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सरेआम गालियां दीं। उनके खिलाफ हिमाचल के दो जिलों में मामला दर्ज कराया गया है। सत्ती की इस बदजुबानी के खिलाफ कांग्रेस ने देशव्यापी प्रदर्शन करने की बात की है।
आजम खां ने रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी ऐक्ट्रैस जया प्रदा के लिये आपत्तिजनक बयान दिया जिसको संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने उन पर 72 घंटों तक चुनाव प्रचार पर बैन लगा दिया। गुजरात के फतेहपुरा के विधायक रमेश कटारा ने प्रचार के समय लोगों से कहा कि तुम लोग दाहोद बीजेपी उम्मीदवार जसवंत सिंह भभोर को वोट डालते दिखोगे। मोदी जी ने सब जगह कैमरे लगाये हैं। तुम जब ईवीएम पर भाजपा उम्मीदवार को वोट के लिये बटन दबाओगे तो कैमरे से निगरानी होगी।