नयी दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभाओं के परिणाम आ चुके है। लेकिन दोनों जगहो में बीजेपी का प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहा है। जहां हरियाणा में खट्टर सरकार 75 पार का सपना देख रही थी उसे 40—42 पर आने के लिसे भी संघर्ष करना पड़ा। अभी भी बीजेपी को एड़ी चोट का दम लगाना पड़ रहा है। वहीं कांग्रेस और जेजेपी ने आशा से कहीं अधिक अच्छा प्रदर्शन किया है। कांग्रेस के एक बड़े नेता अशोक तंवर ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। वो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष थे। ऐसे में कांग्रेस को ऐसी सफलता की उम्मीद कम रही थी। लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा में प्रदेश अघ्यक्षों का प्रदर्शन व सांगठनिक कौशल पर सवालिया निशान लग रहा है। दोनों ही अपने चुनाव में हारते दिखे। पार्टी नेतृत्व इन दोनों की चुनावी रणनीति से संतुष्ट नहीं हो रहा है। वैसे महाराष्ट में बीजेपी की सरकार तो बनती दिख रही है लेकिन यह जरूरी नहीं कि देवेंद्र फणनवीस रिपीट होगे कि नहीं इस पर अभी से ऐलान नहीं किया जा सकता है।
महाराष्ट्र प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल मराठा समाज से आते हैं। उनका मराठा समाज में अच्छा खासा प्रभाव बताया जाता है। यह भी कयास लगाय जा र हा था कि पाटिल देवेद्रफणनवीस के सब्स्टी्यूट हो सकते हैं। यह भी सुना जा रहा था कि मराठा सीएम फणनवीस से खुश नहीं थे। इसलिये यह कयास लगाये जा रहे थे कि चुनाव बाद नये मुख्यमंत्री के रूप में चंद्रकांत पाटिल का नाम भी दिया जा सकता है।
हरियाणा में अच्छा प्रदर्शन न करने के लिये प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के सिर ठीकरा फोड़ा जा सकता है। वैसे भी कुछ साल पहले सुभाष बराला के बेटे विकास बराला ने हरियाणा के आईएएस की लड़की का अपने दोस्त के साथ अपहरण करने का प्रयास किया था। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। इसको लेकर हरियाणा सरकार की काफी फजीहत हुई थी। वैसे हरियाणा सरकार की इस चुनाव में आये परिणाम के लिये सीएम खट्टर के कुछ विवादित बयान भी हो सकते हैं जिन्हें सोशल मीडिया वायरल किया गया था।