नयी दिल्ली। जब से संसद के दोनों सदनों से नाागरिकता संशोधन कानून पास हुआ है तभी से इसका व्यापक विरोध किया जा रहा है। सारा देश आगजनी, प्रदर्शनों और पुलिसिया उत्पीड़न से गुजर रहा है। वहीं दूसरी केन्द्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वो हर हाल में इस कानून को पूरे देश में लागू कर के रहेगी। गृहमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में कह दिया है कि वो एनआरसी और सीएए को लागू किया जायेगा। पूरे देश में सीएए का जमकर विरोध किया जा रहा है। यूपी में इसका व्यापक विरोध किया जा रहा है। लगभग पूरे सूबे में लोग प्रदर्शन कर रहे है। पुलिस इन प्रदर्शनों को रोकने और हालात काबू पाने में पूरी तरह से विफल दिख रही है। अब तक लगभग डेढ़ दर्जन अधिक लोगों की प्रदर्शनों के दौरान गोली लगने से मारे जा चुके है। लेकिन यूपी पुलिस महानिदेशक यह बयान दे रहे हैं कि पुलिस ने प्रदर्शकारियों पर गोलियां नहीं चलायी है। उनके इस बयान की सभी राजनीतिक दलों और स्वयं सेवी संस्थाओं ने निदा की है। पुलिस का मानना है कि क्रास फायरिंग के दौरान इन प्रदर्शनकारियों की मौतें हुई हैं।
रविवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेसवार्ता के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते है। श्री यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रदर्शनों के दौरान हुई आगजनी और हिंसा के लिये सपा के कार्यकर्ता नहीं हैं उनके कार्यकर्ता शांतपूर्ण तरीके प्रदर्शन कर रहे थे। ये आगजनी और हिंसा सरकार के इशारे पर की जा रही है। जिससे जनता को डराया जा सके। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने ज्यादती की, पुलिस ने स्वयं गाड़ियों में आग लगायी और तोड़फोड़ की और यह सब कुछ सरकार के इशारे पर किया जा रहा है। यह लोकतंत्र में विश्वास न करने वाली सरकार है।
श्री यादव ने कहा कि 2007 में हुए गोरखपुर के दंगों में हुई क्षति की भरपायी भी की जानी चाहिये। उन दंगों के मुख्य आरोपी योगी आदित्यनाथ थे। जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते। अखिलेश ने शीतकालीन सत्र के दौरान अपनी सरकार के खिलाफ ही धरना देने वाले विधायको पर कहा कि वो विधायक टी 20 मेच खेलने वाले है। आने वाले नये साल में 20—20 का बंपर आफर मिलने वाला है।