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Political drama in Maha is going up. Shivsena and BJP both are not agree for compromise. So NCP and Congress is redy to be King maker.

नयी दिल्ली। जब से पीएम मोदी ने यह ऐलान किया है कि महाराष्ट्र की कमान देवेंद्र फणनवीस ही संभालेंगे। तब से भाजपा और शिवसेना के रिश्तों में खटास दिखने लगी है। भाजपा और शिवसेना ने निर्दलियों को अपने पाले में करने की होड़ शुरू हो गयी है। इसी कड़ी मेे भाजपा तीन निर्दलियो को अपने पाले में करने में सफल हो गयी है। वहीं दूसरी ओर शिवसेना ने भी दो आजाद विधायकों को अपने पाले में करना का दावा किया है। भाजपा को समर्थन देने की घोषणा करने वाले विधायकों में गीता जैन, राजेंद्र राउत और रवि राणा हैं। गीता जैन ने सीएम देवेंद्र फणनवीस से मिलकर भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। गीता जैन ठांणे के भयांदर सीट से जीती हैं।
चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी ने फणनवीस को दोबारा मुख्यमंत्री को सीएम बनाने की घोषणा करने के साथ शिवसेना से दूरियां बढ़ने लगी है। शिवसेना के जीते हुए विधायक इस बात पर अड़ गये हैं कि आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया जाये। उद्धव ठाकरे का भी यह कहना है कि चुनाव से पहले अमित शाह ने फिफ्टी फिफ्टी वाले फार्मूले की बात कही थी। अब बीजेपी को उसी फार्मूले पर काम करना चाहिये। लेकिन बीजेपी का रुख अपनी पार्टी के नेता को ही सीएम बनाने का दिख रहा है। शिवसेना का रुख भी अड़ियल होता जा रहा है वो चाहती है कि 50—50 फार्मूले पर ही सरकार बने। आदित्य ठाकरे ही मुख्यमंत्री बने। इस तरह सत्ता को लेकर दोनों ही दलों में रस्साकशी शुरू हो गयी है। ऐसे में किंगमेकर की भूमिका में एनसीपी और कांग्रेस निभा सकती है। दोनों ही पार्टियां किसी भी सूरत में बीजपेी को सत्ता में आता नहीं देखना चाहती है। उनके लिये भी बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने का सुनहरा मौका हो सकता है।

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