Shiv Sena supremo Udhav Thakere attacs on CM Eknath Shinde on the Nagpur land scam
Shiv Sena supremo Udhav Thakere attacs on CM Eknath Shinde on the Nagpur land scam

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BJP is feeling heat wave in MCD & Gujrat Election
All of them BJP leaders are trying to get political power by hook and crook

ये पंच लाइन ऐसे राजनीतिक दल पर सटीक बैठती हैं जो आठ साल में फर्श से अर्श पर फर्श पर जा पहुंचा है। ये पार्टी अपनी सहयोगी पार्टी को भी ठगने से नहीं चूकती है। अपने ही दल के नेताओं को किनारे लगाने से भी पीछे नही रहती है। जी हां हम बात कर रहे हैं भाजपा की। गुजरात के बड़े भाजपा नेता हरेन पंडया को भी बीजेपी ने खास तौर से तत्कालीन नेता नरेंद्र मोदी ने ऐसा दांव लगाया जिससे में फंस कर इस दुनिया से ही रुखसत हो गये। उनकी मौत का रहस्य आज भी रहस्य है।

भाजपा की साजिश का ताजा शिकार शिवसेना

सबसे ताजा मामला महाराष्ट्र की शिवसेना का है। शिवसेना और भाजपा का पिछले 25 साल से गठबंधन था। शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे के समय में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह ने गठबंधन किया था। तब बाला साहब का महाराष्ट्र में बोलबाला था। बीजेपी से गठबंधन कर महाराष्ट्र में शिवसेना का और भी रुतबा बढ़ गया। बीजेपी और शिवसेना की हिन्दूवादी सोच को और भी बल मिल गया। इससे वहां कांग्रेस एनसीपी का राजनीतिक कद कम हो गया। महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के गठबंधन की कई बार सरकार बनी।

25 साल पुरान नाता सत्ता के लिये टूट गया

लेकिन पिछली बार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच सीएम पद के लिये रार मच गयी। भाजपा देवेंद्र फडणवीस को फिर से सीएम बनाने को अमादा थी। वहीं शिवसेना ​नेता संजय राउत इस बात पर अड़ गये कि इस बार सीएम शिवसेना का नेता ही बनेगा। दोनों ही दल सीएम पद के लिये अड़ गये। नतीजा यह हुआ कि शिवसेना और भाजपा का 25 साल पुरान नाता सत्ता के लिये टूट गया। दूसरी ओर शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिल कर म​हाविकास अघाड़ी गठबंधन कर सरकार बना ली। इस गठबंधन ने यह यह तय किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सीएम बनेंगे। लगभग ढाई साल तक यह सरकार बिना किसी परेशानी के चलती रही।

महाविकास अघाड़ी की सरकार का पतन

ये बात न तो भाजपा को रास आ रही थी और न ही पूर्व सीएम फडणवीस को। देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना गुट के मंत्री और नेता् एकनाथ शिंदे को तोडा और उसके सहारे शिवसेना के लगभग 40 विधायकों को बगावत करने पर मजबूर कर दिया। चर्चा में यह भी बात उठी कि बीजेपी ने प्रत्येक एमएलए को 50 50 करोड़ दिये गये हैं। इस प्रकार महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार का पतन हो गया। इसके साथ ही शिवसेना को भारी झटका लगा उसके 40 विधायकों के अलावा बहुत से सांसद भी शिंदे गुट के साथ हो गये। एकनाथ शिंदे ने कोर्ट ओर चुनाव आयोग में अपने लिये शिवसेना के लोगों की मांग रख दी। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट ने भी अपने दल को रियल पार्टी बताते हुए पुराना लोगो मांगा। लेकिन चुनाव आयोग ने कहा जब तक यह तय नहीं होता कि कौन सा दल असली है तब तक पुराने लोगों को फ्रीज किया जाता है। दोनों ही दल को अलग अलग लोगो पर चुनाव प्रचार करने का निर्देश दिया गया। इस प्रकार भाजपा ने महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे अधिक प्रभाव रखने वाली शिवसेना को प्रभावहीन करने में सफलता प्राप्त कर ली।

बिहार और प.बंगाल में भी बीजेपी ने साजिशें रचीं

Cm Nitish Kumar takes PM Modi & BJP
Cm Nitish Kumar takes PM Modi & BJP for conspiracy

इससे पहले भाजपा ने जेडीयू के साथ भी साजिश रच कर मणिपुर और अरुणाचल में उनके विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था। नितीश कुमार इस बात से खासा नाराज थे। लेकिन उस वक्त वो एनडीए के बड़े घटक के रूप में थे। इसके बावजूद बीजेपी ने उनकी पीठ में छुरा भोंक दिया। इसके बाद बीजेपी ने बिहार में महाराष्ट्र वाला खेल शुरू कर दिया। वहां भी वो जेडीयू में एकनाथ शिंदे बनाने में सफल रहे। उन्होंने जेडीयू के एक दिग्गज नेता आरसीपी सिंह को अपनी साजिश में शामिल किया। वो आरसीपी के जरिये जेडीयू में दो फाड़ कर बिहार में आपरेशन लोटस चलाना चाह रहे थे। लेकिन इस बार नितीश कुमार काफी सजग थे। उन्होंने इस साजिश को भांपते हुए आरसीपी के पंख कतर दिये। इस बार उन्हें राज्यसभा में पार्टी ने राज्यसभा नहीं भेजा। बीजेपी आरसीपी सिंह को नितीश कुमार की मर्जी के खिलाफ मंत्री बना दिया था। तभी से नितीश कुमार को भाजपा की साजिश पता चल गयी। उन्होंने आनन फानन में एनडीए को छोड़ आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन के साथ सरकार बना ली। तब से भी नितीश कुमार भाजपा के खिलाफ जमकर हमलावर हैं। उन्होंने यह कह दिया कि वो आगामी चुनाव में मेन फ्रंट बना कर भाजपा को हरायेंगे।

साथी दलों को भी ठगने से बाज नहीं आयी भाजपा

ऐसा ही भाजपा ने प बंगाल में करने का प्रयास किया। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले टीएमसी के बहुत सारे नेता और मंत्री भाजपा में शामिल कि इस बार ममता दीदी की सरकार नहीं बनेगी। लेकिन बीजेपी की लाख कोशिशों के बाद प बंगाल में ममता दीदी ने तीसरी बार शानदार जीत हासिल की। लेकिन भाजपा ने भी अपनी ताकत बढ़ाते हुए 76 विधायक जिताये। ये बात और है कि टीएमसी सरकार बनने के बाद भाजपा के 3 सांसद और आधा दर्जन विधायक वापस टीएमसी में चले गये।
ऐसा ही कुछ हाल टीडीपी, अकाली दल, टीआरएस, डीएमके और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मोदी सरकार और भाजपा ने किया। यानि जब तक एनडीए में रहे तब तक उनका गुण गान किया और साथ छोड़ते उनके जानी दुश्मन बन जाते हैं। इसीलिये शायद उनके लिये यह सही कहा है किे ऐसा कोई सगा नहीं जिसको भाजपा ने ठगा नहीं।

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