
नयी दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान नमो ने यह ऐलान किया कि उनकी सरकार बनी तो वो अन्य महाराष्ट्र के महापुरुषों ज्योतिराव फूले, सावित्रीराव फूले के साथ सावरकर को भारत रत्न देंगे। सावरकर अकोला के रहने वाले थे। मोदी ने कहा कि सावरकर ने देश की आजादी के लिये काफी कुछ योगदान किया है। उनके योगदान से राष्ट्र निर्माण में सहयोग मिला है। उनके इस बयान की देश भर से राजनीतिक नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने यह बयान दे कर चौंका किया कि सावरकर का नाम महात्मा गांधी की हत्या के मामले में दर्ज था। मोदी सरकार ऐसे व्यक्ति को भारत रत्न कैसे दे सकती है जो राष्ट्रपिता के हत्या में नामजद हो।
अमित शाह ने यूपी के एक समारोह में यह कह कर और भी विवाद पैदा कर दिया कि सावरकर ने ही 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य भूमिका निभाई और स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया। था। उनके इस बयान को सोशल मीडिया में मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया।
श्री सिंह ने कहा कि सावरकर के जिंदगी के दो पहलू थे एक में उनका आजादी के लिये प्रयास करना और दूसरा अंग्रेजी सरकार से माफी मांगने के बाद जेल से रिहा होने के बाद की जिंदगी। बीजेपी यह कैसे भूल सकती है कि सावरकर का नाम गांधी जी की हत्या में नामजद था।