
पूरी दुनिया में विश्व क्रिकेट कप के चर्चे हो रहे हैं। इस टूर्नामेंट में भारत समेत पाकिस्तान, इंग्लैंड, आस्टे्लिया,न्यू जीलैंड,अफगानिस्तान, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका और विंडीज की टीमें भाग ले रही हैं। भारत ने अभी तक एक ही मैच साउथ अफ्रीका के साथ खेल कर जीता है। इस मैच के बाद ही इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी पर मैच के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। आईसीसी ने भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड को लिखा है कि धोनी ने अगर उनकी बातों को न माना तो इसे इंटरनेशनल क्रिकेट बोर्ड के नियमों का उल्लंघन माना जायेगा।
मामला है क्या
पांच जून को भारतीय क्रिकेट टीम का मुकाबला साउथ अफ्रीका की टीम से था। भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका की टीम 227 रनों पर ही सिमट गयी। यह मैच टीम इंडिया ने रोहित शर्मा और हार्दिक पाण्डया के खेल की बदौलत जीत लिया। इस मैच में धोनी विकेट कीपर थे। उनके हरे कीपिंग ग्लव्स बलिदान बैज का चिन्ह बना है। आईसीसी का कहना है कि नियमों के अनुसार मैच के दौरान कोई भी खिलाड़ी ऐसा कोई भी धार्मिक, नस्लीय और आर्मी से संबंधित लोगो नहीं पहन सकता है। धोनी ने इस नियम का उल्लंघन किया है। बीसीसीआई ने इस पत्र के जवाब में धोनी का साथ देते हुए आईसीसी को धोनी के ग्लव्स को पहनने की अनुमति मांगी है।
धोनी को किसने दिया बलिदानी बैज
यह सभी जानते है कि धोनी को टेरिटोरियल आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट की ओर से मानद लेफ्टीनेंट कर्नल की उपाधि दी गयी है। उन्होेने बलिदानी बैज वाले रहे रंग के विकेट कीपिंग वाले ग्लव्स दिये थे। उन्हीं ग्लब्स को पहन कर पांच जून को वो कीपिंग कर रहे थे।
बीसीसीआई का पक्ष
बीसीसीआई अधिशासी विनोद राय ने आईसीसी के इस दावे को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि धोनी ने आईसीसी के किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। धोनी के कीपिंग ग्लव्स पर बना बलिदानी चिन्ह वाला बैज पैरा मिलिट्री को प्रचारित नहीं करता है।
नियम तोड़ने पर क्या हो सकता है
आइसीसी के जनरल मैनेजर के अनुसार पहली बार नियम तोड़ने पर खिलाड़ी को चेतावनी दी जाती है। मैच के दौरान किसी भी टीम का खिलाड़ी अपनी किट और टी शर्ट लोअर पर किसी भी देश का फ्लैग, लोगो कमर्शियल लोगो, इवेंट लोगो आदि का लगाना नियमों का उल्लंघन माना जायेगा।