नयी दिल्ली। आखिरकार बंगाल टाइगर उर्फ दादा ने विधिवत रूप से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की कमान संभाल ली है। इस बार की टीम अब तक की सबसे कम उम्र व अनुभवहीन बीसीसीआई टीम मानी जा रही है। गांगुली के साथ गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह सचिव की भूमिका में नजर आयेंगे। केन्द्रीय वित्तराज्य मंत्री के छोटे भाई अरुण सिंह धूमल कोषाध्यक्ष की रूप में जिम्मेदारी निभायेंगे।
सौरव गांगुली इंडियन क्रिकेट टीम केे स्किपर की भूमिका में काफी सफल रहे। उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को टीम में आने का मौका दिया। दादा की अगुआई में भारतीय क्रिकेट में ऐतिहासिक जीत दर्ज करायी है। 2003 में गांगुली की कैप्टेंसी में भारतीय टीम विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी। 47 वर्षीय सौरव गांगुली क्रिकेट असोसियेशन आफ बंगाल के अध्यक्ष पर भी रह चुके है। कूलिंग आफ पीरियड के कारण सौरव गांगुली अगले साल जुलाई अगस्त बीसीसीआई के चीफ रहेंगे। 2008 में क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद वो आईपीएल गवर्निंग बॉडी कौंसिल में वो शामिल थे।
उपाध्यक्ष के पद पर महिम वर्मा को चुना गया है। पीसी वर्मा ने उत्तराखंड में क्रिकेट को उभारने में विशेष योगदान किया है। महिम वर्मा पीसी वर्मा के बेटे हैं उत्तराखंड से प्रतिनिधित्व के महिम को बीसीसीआई बोर्ड में अहम् जिममेदारी दी गयी है। संयुक्त सचिव के रूप में जयेश जॉर्ज को चुना गया है। जयेश पिछले साल से केरल क्रिकेट एसोसियेशन के आफिस से जुड़े हुए है। केरल में क्रिकेट विकास में जयेश का अहम् रोल निभाया है। कोषाध्यक्ष के पद पर केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण सिंह धूमल को बोर्ड में जगह मिली है। पिछले माह तक वो हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसियेशन हेड नियुक्त किया गया था।