
क्या मोदी शाह का मैजिक टूट रहा है
नयी दिल्ली। पिछले दो सालों के विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो बीजेपी को लगातार हार मिलती जा रही है। इससे जाहिर हो रहा कि अब लोगों का बीजेपी पर विश्चास नहीं रहा है। मोदी और शाह लगातार चुनावों में पूरे दमखम से प्रचार कर रहे है। यह देखा जाता है कि भाजपा किसी चुनाव में देश भर के बीजेपी नेताओं और मुख्यमंत्रियों समेत पूरी पार्टी झोंक दी जाती है। पहले हुए चुनावों में इसका लाभ बीजेपी को मिला भी है। लेकिन कुछ चुनावों में इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है।
इसका जीता जागता उदाहरण हरियाणा, झारखंड और दिल्ली में देखने को मिला है। हरियाणा में भी पार्टी ने इसे युद्धस्तर पर चुनाव लड़ा। लेकिन चुनाव परिणाम बहुत अच्छे नहीं आये। लेकिन बीजेपी ने जोड़तोड़ की राजनीति अपनाते हुए जेजेपी से हाथ मिलाये और दोबारा सरकार बना ली। झारखंड में भी यह देखने को मिला वहां बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष लामबंद हो गया और रघुबर दास को बोरिया बिस्तर समेटन पड़ा बीजेपी की साख को भी बुरी तरह बट्टा लगा। अमित शाह और पीएम मोदी ने वहां धुआंधार प्रचार किया लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा। वहां बीजेपी के चाणक्य शाह की चालें कामयाब नहीं हो पायीं।
दिल्ली में भी बीजेपी के हैवीवेट नेता और पूरा मंत्रिमंडल समेत 200 सासदों की फौज भी विधानसभा चुनाव जिताने में सफल नहीं हो पाये। दिल्ली विधानसभा 2020 में बीजेपी की हार से पार्टी के नेता काफी निराश हुए हैं। दिल्ली में सत्ता हासिल करने की हसरत अधूरी रह गयी। दिल्ली में बीजेपी का वनवास अब पांच साल और भी आगे बढ़ गया है।