नयी दिल्ली। नयी दिल्ली से तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल। मंगलवार को वो नामांकन करने जा रहे है। इस बार उनके खिलाफ बीजेपी और कांग्रेस ने कोई बड़ा नेता नहीं उतारा है। इससे साफ जाहिर होता कि केजरीवाल नयी दिल्ली विधानसभा सीट से जीतने जा रहे है। कांग्रेस ने भी अपने एक पुराने नेता को केजरीवाल के खिलाफ टिकट दिया है। वहीं भाजपा ने भी कांग्रेस की तर्ज पर एक ऐसे नेता को खड़ा किया जो केजरीवाल के आगे नहीं टिक सकेगा ऐसा लोगों का मानना है। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारक और सबसे अधिक प्रभावी नेता हैं। शायद यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा ने किसी बड़े नेता को नहीं उतारा है।
मालूम हो कि कांग्रेस ने नयी दिल्ली विधानसभा से अपने पुराने कार्यकर्ता और नेता रोमेश सब्बरवाल को टिकट दिया है। वहां से दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ने जा रहे हैं। ऐसे में रोमेश सब्बरवाल को नयी दिल्ली विधानसभा से चुनाव लड़ने की वजह सिर्फ इतनी हो सकती है कि पार्टी बड़े नेता को केजरीवाल से हरवाना नहीं चाह रहे है। एक तरीके से कांग्रेस ने सब्बरवाल को केजरीवाल के आगे बलि का बकरा बनाया है। याद हो कि 2014 में दिल्ली की पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित कांग्रेस की उम्मीदवार थीं। केजरीवाल ने उन्हें भारी मतों हराया था। 2015 में डीपीसीसी के अध्यक्ष व पूर्व केबिनेट मंत्री अजय माकन भी केजरीवाल के खिलाफ नयी दिल्ली से चुनाव लड़ कर हार चुके हैं।
ऐसा ही कुछ हाल बीजेपी का भी दिख रहा है। उन्होंने नयी दिल्ली से सुनील यादव को टिकट दिया है। सुनील यादव भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता हैं। लेकिन केजरीवाल के आगे वो कुछ कर सकेंगे इस बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा है।