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एक समय था पीएम मोदी और ट्रंप जय और वीरू की मानी जाती थी। एक साथ मिलकर गाते थे कि ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे। 2019 में आउट आफ वे जाकर पीएम मोदी ने यूएसए में डोनाल्ड ट्रंप के लिये लिये प्रचार प्रसार किया था। यूएसए में रह रहे भारतीयों को ट्रंप के लिये वोट देने की अपील की थी। यह नारा दिया था कि अब की बार ट्रप सरकार लेकिन अमेरिकन को यह बात पसंद नहीं आयी। वहां पर डोनाल्ड ट्रंप को जीत हाथ नहीं आयी थी। जो बाइडेन को राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी मिली थी। ट्रंप सत्ता से बेदखल हो गये। ऐसे मौके पर दोस्ती की पहचान होती है। पिछले साल अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव हो रहे थे तो पीएम मोदी चार देशों की कॉर्ड की मीटिंग में शरीक होने अमेरिका गये थे। ट्रंप ने यह बात अपने प्रचार के दौरान मोदी का अपना अच्छा दोस्त बताया था।
यह भी कहा कि पीएम मोदी अमेरिका आयेंगे तो उनसे मिलने जरूर आयेंगे। लेकिन मीटिंग के बाद मोदी वहां वहां रुक कर कमला हैरिस से मिलने के बाद वापस भारत आ गये। लेकिन मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से मिलने की जरूरत नहीं समझी। यह बात वर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप को खटक गयी। चर्चा है कि यही वजह है कि निमंत्रण सूची में अब तक की लिस्ट पीएम मोदी का नाम नहीं है। सोमवार 20 जनवरी को टंप की ताजपोशी तय है। पीएम मोदी को निमंत्रण की जिम्मेदारी विदेश मंत्री एस जयशंकर को सौंपी गयी लेकिन एक सप्ताह में भी वो मोदी का निमंत्रण लिस्ट में नाम दर्ज नहीं करा पाये। लेकिन निमंत्रण सूची में विदेश मंत्री जयशंकर का नाम जरूर दर्ज हो गया। पीएम मोदी को न्यौता न मिलने की कसक हमेंशा रहेगी इतनी आसानी से वो यह बात वो भुला नहीं पायेंगे। अब मोदी शायद यह गीत गा रहे होंगे कि ये किस्सा क्यों हो गया मेरा दोस्त बेवफा हो गया।
क्या ये वजह है कि टंप ने मोदी को नहीं बुलाया
वैसे भी यह कहावत है कि लोग चढ़ते सूरज को सलाम करते हैं। पीएम मोदी ने भी वहीं किया जो एक चालाक राजनेता करता है। ट्रंप को बीता हुआ समय मानकर कन्नी काट ली। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि ट्रंप के सिर पर एक बार फिर अमेरिका का ताज सजेगा। उन्हें लगा कि इस बार भी कमला हैरिस के सिर पर राष्ट्रपति पद का ताज सजने वाला है। टंप इस बात से भी नाराज है कि मोदी ने उनके लिये अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों से वोट देने की अपील जोरदार ढंंग से नहीं की। लेकिन अब पछताय का होत है जब चिड़िया चुग गयी खेत। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को दूसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं। दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों को ट्रंपोत्सव में शरीक होने का न्यौता भेजा गया है। इसके अलाचा विश्व की नामचीन हस्तियों को भी जलसे में आने का दावतनामा भेजा गया है। यहां तक की पाकिस्तान और चीन जैसे प्रतिद्वंद्वियों को भी न्यौता दिया गया है। ये बात और है कि कितने लोग इस शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करते हैं।
मुकेश नीता अंबानी को मिला ट्रंपोत्सव का निमंत्रण
जब यह पता चला कि राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण में नामचीन भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी को पत्नी नीता अंबानी के साथ ट्रंपोत्सव में शामिल होने का न्यौता मिला है तब से यह चर्चा शुरू हो गयी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को नहीं बुलाया गया है लेकिन मुकेश अंबानी पत्नी समेत शानदार समारोह में बुलाया गया है। अफसोस की बात तो यह है कि भारत में गुजरात के अहमदाबाद में पीएम मोदी ट्रंप के लिये हाउडी मोदी फॉर ट्रंप कार्यक्रम का आयोजन किया था। पूरे देश में मोद के कहने पर मित्र ट्रंप की जीत के लिये न जाने कितने यज्ञ और अनुष्ठानों का आयोजन करवाया गया था। ट्रंप के गुजरात दौरे में गरीब और दलित बस्तियों को ढकने के लिये दीवार उठा दी गयीं ताकि भारत की गरीबी और बदहाली ट्रंप के सामने न आ जाये। लोग सवाल यह कर रहे हैं कि मोदी को निमंत्रण क्यों नहीं दिया और मुकेश अंबानी को पत्नी सहित को बुलाया है। यह भी कहा जा रहा है कि विदशी राजनेताओं से मुकेश अंबानी के बहुत पुराने से रिश्ते मधुर रहे हैं। उनके पिता धीरू भाई अंबानी से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और हेनरी क्लिंटन के समय से थे। मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी में ट्रंप पूरे परिवार के साथ आये थे। दूसरी बात यह है कि मुकेश अंबानी दुनिया के जाने माने उद्योगपति हैं। उनसे संबंध मधुर रखना हर राष्ट्रअध्यक्ष चाहेगा ताकि देश में रोजगार के अवसर बनें।