
नयी दिल्ली। केन्द्रीय जल शक्ति म़ंत्रालय और भारत नीति के तत्तवावधान में वाटर सीक्योर वाटर सरप्लस इंडिया कान्फ्रेंस का आयोजन तीेन मूर्ति भवन में किया गया। इस आयोजन में मत्रालय के मंत्री व अधिकारियों समेत इस विषय के जानकार व अनेक अनेक तकनीकि विशेषज्ञ भी मौजूद थे। जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने अपने निजी अनुभवों और जल संरक्षण् व आने वाले संकट के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया।
केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व होना चाहिये कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं जल के संरक्षण व उसके प्रबंधन पर काफी सक्रिय हैं। उन्होंने देश के लाखों संरपंचों को स्वयं पत्र लिखकर उन्हें जल के संरक्षण और उसके प्रति जागरूक करने का प्रयास किया है। पीएम मोदी का यह प्रयास काफी सराहनीय है। देश के अनेक हिस्सों में पानी की किल्लत इस हद तक जा पहुंची है कि लोग बूंद बूंंद पानी के लिये तरस रहे हैं। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार, गुजरात के अनेक हिस्सों में पीने का पानी बहुत से लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। केन्द्र व प्रदेश सरकार इस क्षेत्र में काफी सक्रिय है। यह बात तो साफ है कि देश में पीने के जल का अभाव होता जा रहा है। भू वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों के अनुसार भूजल का स्तर काफी नीचे जा चुका है। स्थिति बद से बद्तर हो इससे पहले हम सब को जागरूक होना पड़ेगा। हमारी सरकार और प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी तो बनती है साथ ही हम देशवासियों को भी इस संकट से निपटने के लिये जागरूक होना पड़ेगा।
इस कार्यक्रम का आयोजन भारत नीति के साथ जन जल, भास्कर फाउन्डेशन थे। नॉलेज पार्टनर नेहरू म्यूजियम एण्ड लाइब्रेरी, नीरी, हिन्दी वाटर पोर्टल तथा इवेंट पार्टनर वॉओ और ओहिया थे।