
हाल ही में दिल्ली सरकार ने महिलाओं को दिल्ली मेट्रो और बसों में फ्री यात्रा देने की घोषणा की इसके विरोध में सत्ताधारी दल बीजेपी और केन्द्र के कुछ मंत्रियों ने इसका विरोध किया था। इसी कड़ी में दिल्ली मेट्रो के जनक ई श्रीधरन ने भी केजरीवाल की इस महत्वपूर्ण योजना का विरोध किया है। उनका मानना है कि इससे मेट्रो कंगाली में आ जायेगी और डीएमआरसी पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। अन्य राज्यों में भी इस तरह की मांग उठने की आंशंका हो सकती है। उन्होंने केन्द्र सरकार और पीएम से यह मांग की है कि दिल्ली सरकार की इस योजना को मंजूरी न दी जाये। जानकारी हो कि ई श्रीधरन ने भी देश की पहली मेट्रो सेवा दिल्ली में मुहैया करायी थी। अभी भी वो डीएमआरसी में कंसल्टेंट हैं।
दूसरी ओर दिल्ली सरकार का यह कहना है कि मेट्रो को जो भी अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा उसकी भरपायी वो कर देगी। ऐसे महिलाओं की फ्री मेट्रो यात्रा से डीएमआरसी पर बोझ भीन नही पड़ेगा और महिलायें भी सुरक्षित मेट्रो में सवारी कर सकेंगी। लेकिन बीजपी का कहना है कि यह योजना दिल्ली सरकार का केवल चुनावी बयान है जिसका इस्तेमाल कर वो आगामी विधानसभा चुनाव में दोबारा सत्ता में वापस आना चाहती है। जब से आम चुनाव के रिजल्ट बीजेपी के फेवर में आये हैं आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार कुछ ऐसा करना चाह रही है कि जिससे दिल्लीवासियों का विश्वास एक बार फिर जीता जा सके। इसी कड़ी में सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में रहने वाली औरतों के लिये यह घोषणा कर दी की उनकी सरकार जल्द ही दिल्ली मेट्रो और बसों में यात्रा फ्री करने जा रही है। उनकी इस घोषणा से दिल्ली की महिलाओं में खुशी की लहर छा गयी है।
भाजपा को लगने लगा है कि केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिये ट्रंप कार्ड फेंका है। अगर यह योजना लागू हो जाती है तो आम आदमी पार्टी को भरपूर समर्थन मिलने वाला है। अगर किन्ही वजहों से यह योजना लागू नहीं होती है तो वो इसका ठीकरा केन्द्र सरकार और बीजेपी के सिर फोड़ देगी। इसका खामियाजा बीजेपी को आगामी विधानसभा में उठाना पड़ सकता है।
वैसे दिल्ली सरकार की यह योजना जितनी आसान दिख रही है उतनी है नहीं। मेट्रो स्टेशनों पर महिलाओं की भारी संख्या जमा हो जायेगी उनको नियंत्रित करने के लिये अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी। वैसे भी पीक आवर्स में मेट्रो में काफी रश होता है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस योजना के लागू होने से मेट्रो स्टेशनों पर लगभग 40 प्रतिशत यात्री बढ़ सकते हैं। दिल्ली सरकार को इस बारे में भी सोचना चाहिये। अगर वो महिलाओं को मेट्रो से यात्रा कराना चाहते हैं तो उन्हें टिकट के दामों मे कुछ रियायत देनी चाहिये। महिलाओं को छूट देने के बाद छात्र, बेरोजगारों, विकलांगों और सीनियर सिटीजंस भी इस छूट का लाभ की मांग कर सकते है।